2019 चुनाव: ‘संविधान बचाओ’ नारे के साथ BJP के खिलाफ एकजुट हुए 7 विपक्षी दल

2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की सुगबुगाहट शुरू होने लगी है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी दल 29 जनवरी को दिल्ली में बैठक करेंगे और भाजपा के खिलाफ आगे की लड़ाई पर विचार करेंगे. विपक्षी दलों ने ‘संविधान बचाओ’ मार्च भी निकाला. गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाले गए मार्च में वामपंथी दलों के नेता समेत कई विपक्षी नेता एक मंच पर आए और उन्होंने लोकसभा चुनावों से करीब एक साल पहले बीजेपी के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की. ‘संविधान बचाओ’ मार्च में पवार के अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी, जदयू से निष्कासित शरद यादव, भाकपा के डी राजा, गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे और राज्य के अन्य कई नेताओं ने हिस्सा लिया.

2019 चुनाव: 'संविधान बचाओ' नारे के साथ BJP के खिलाफ एकजुट हुए 7 विपक्षी दल

राज्य सचिवालय के पास ओवल मैदान से शुरू हुआ मार्च

राज्य सचिवालय के पास ओवल मैदान से शुरू हुआ मार्च करीब दो किलोमीटर की दूरी तय करके दक्षिण मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर समाप्त हुआ. गेटवे ऑफ इंडिया पर मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा कि समान विचार वाले दलों ने साथ में आने का और संविधान ‘बचाने’ के लिए रैली निकालने का सामूहिक फैसला किया था. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम इसके खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठाएंगे तो यह राष्ट्र और संविधान के लिए नुकसानदेह होगा.’’

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29 जनवरी को विपक्षी दलों के नेता बनाएंंगे रणनीति

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता आगे की बातचीत 29 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में करेंगे. इस मौके पर राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और डी पी त्रिपाठी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी भी मौजूद थे. येचुरी ने इस मौके पर दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी संविधान में लोगों को मिले बुनियादी अधिकारों पर हमले कर रही है.

शिवसेना कर चुकी है बीजेपी से नाता तोड़ने का ऐलान  

शिवसेना पहले ही बीजेपी से नाता तोड़ने का ऐलान कर चुकी है. पार्टी साफ कर चुकी है कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया है कि वह अगले लोकसभा चुनावों में एनडीए का हिस्सा नहीं होगी. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी से अलग होने का प्रस्ताव रखा था. जिसे पार्टी ने सर्वसम्मति से मान लिया. पार्टी का मानना है कि पिछले तीन साल में उसका मनोबल गिरा है.  

 
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