
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदम ने पौने तीन करोड़ प्रवासी भारतीयों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है। यह सारे प्रवासी भारतीय भारत में रहते हैं अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को आसानी से पैसा भी नहीं भेज सकते हैं।
प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गए एक-एक पैसे का हिसाब अब सरकार के पास जाएगा। आइए अब आपको समझाते हैं कि यह फैसला भारत में रह रहे प्रवासी भारतीयों के रिश्तेदारों पर किस तरह का असर पड़ेगा।मान लीजिए आपका भाई, पिता या कोई अन्य रिश्तेदार विदेश में रहता है और वह आपको हर महीने वेस्टर्न यूनियन, मनीग्राम या किसी ओर एंजैंसी के जरिए पैसा भेजते हैं तो आप मनी ट्रांसफर एजेंट के पास जाकर उसे कैश में ट्रांसक्शन करवा लेते हैं और पैसे घर ले आते हो लेकिन अब यह पैसा आपको कैश में नहीं मिलेगा क्योंकि मनी एक्सचेंज एंजैंट के पास अभ इतना पैसा नहीं है कि वो आपको कैश में पैसे दे सके।
अगर आप ये पैसे चैक के जरिए भी लेते हो तो यह आपकी आमदनी के बीच गिना जाएगा और इन पैसों पर आपको इनकम टैक्स भरना पड़ेगा। दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों की गिनती 26876136 है जिनमें से 11442045 एनआरआई हैं जबकि 15454091 पीआईओ (person of indian origin) है। मोदी सरकार के इस बड़े फैसले का असर सीधा प्रवासी भारतीय और उनके भारत में रह रहे रिश्तेदारों पर पड़ेगा।