13 साल की बेटी को हवस का शिकार बनाकर उसे गर्भवती बनाने वाले पिता को उम्रकैद की सजा

13 साल की बेटी को एक साल तक हवस का शिकार बनाकर उसे गर्भवती बनाने वाले पिता को अतिरिक्त जिला एवं सेशन अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब उसे मरते दम तक जेल में ही रहना पड़ेगा। दोषी ने अदालत से रहम की गुहार भी लगाई, लेकिन जज ने कहा, ‘दोषी ने रिश्तों को तार-तार किया है, वह किसी छूट का हकदार नहीं है।’

अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज गुरदासपुर प्रेम कुमार की अदालत ने छह महीने में इस केस में फैसला सुना दिया। दोषी को 50 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। गुरदासपुर जिले के रहने वाले बलविंदर (50) के खिलाफ सेखवां थाने में नौ जुलाई 2018 को दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

बलविंदर पर आरोप था कि वह एक साल तक अपनी 13 साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाता रहा। बच्ची जब गर्भवती हो गई तो ये मामला सामने आया। जिला बाल सुरक्षा अफसर परमजीत कौर को जब ये सूचना मिली तो उन्होंने पीड़ित बच्ची के पिता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने भी बलविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

जालंधर Children’s home में दिया था बच्ची को जन्म

बच्ची को जालंधर के एक Children’s home में दाखिल करवाया गया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बताया जाता है कि दोषी ने बाहरी राज्य की महिला से शादी की थी। शादी के बाद उसके यहां बेटी पैदा हुई, जबकि पत्नी कुछ साल बाद उसे छोड़कर चली गई थी।

50 साल का बुजुर्ग होने का हवाला देकर सजा में मांगी छूट

दोषी बलविदंर सिंह ने सजा सुनने के बाद अदालत से गुहार लगाई कि वह 50 साल का बुजुर्ग है। मजदूरी कर गुजारा करता है। उसे इतनी कठोर सजा न दी जाए। सजा में छूट दी जाए। जज ने टिप्पणी की कि दोषी ने अपनी बेटी के साथ शर्मनाक और घिनौनी मानसिकता का प्रमाण दिया है। इस तरह यह पवित्र रिश्ता तार-तार हुआ है। दोषी की किसी भी छूट का हकदार नहीं है।

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