
राज्य में कोरोना का पहला टीका लगवाकर करीब 10 हजार लोग गायब चल रहे हैं। निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद भी ये दूसरी डोज लेने नहीं पहुंचे हैं। स्वास्थ्य विभाग काफी प्रयास के बाद भी इनसे संपर्क नहीं कर पा रहा है। टीकाकरण के अंतिम पड़ाव में इन लोगों को चिह्नित करने की योजना है। राज्यस्तर पर भी इसके लिए प्लान बनाने की तैयारी है।
राज्य में जिन लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा रहा है उनका संबंधित वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचा जा सके। इधर, कोविड की दूसरी लहर के दौरान घबरा कर कई लोगों ने गलत तरीके (नियमविरुद्ध) से पहली डोज लगवा ली। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि टीका लगवाने वालों में ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने एक ही मोबाइल से कई लोगों के रजिस्ट्रेशन किए।
साइबर कैफे के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराए। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जिनका टीका लगवाने में इस्तेमाल नंबर रिचार्ज नहीं होने के चलते बंद हो चुका है। ऐसे लोगों से अब संपर्क नहीं हो पा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में इनकी संख्या 10 हजार से ज्यादा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी नैनीताल डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि कोरोना कंट्रोल रूम के माध्यम से ऐसे लोगों से संपर्क का प्रयास किया जा रहा है। राज्य स्तर पर भी प्लान बनाने की तैयारी हैं।
इसके तहत हर जिले में ब्लॉक स्तर पर कैंप लगाकर उन लोगों से संपर्क किया जाएगा। दूसरी डोज नहीं लगे होने पर उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। कोई और तकनीकी दिक्कत होती है तो उसका समाधान कर कोरोना टीकाकरण का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया का कहना है कि अनुमान के मुताबिक ऐसे करीब 10 हजार लोग हैं जिनको पहली डोज लग चुकी है, लेकिन दूसरी नहीं लगी है।
उनसे मैसेज और कॉल के माध्यम से संपर्क का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में टीकाकरण के अंतिम पड़ाव में विकासखंड स्तर पर शिविर आयोजित कर इन लोगों से संपर्क कर इ्नका टीकाकरण किया जाएगा और वेबसाइट पर इनका डाटा अपडेट कर प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
हमारी कोशिश है कि मेडिकल कॉलेज के अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग हो जाए, ताकि स्थिति का सटीक आंकलन किया जा सके। सैंपलिंग की रिपोर्ट अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, कुछ समय तक कड़ी सावधानी बरती जाएगी।