हैवानियत की सारी हदे हुई पार, लड़को ने युवती के शव के साथ की दरिंदगी

हम अक्सर ये कहते और सुनते है, कि आज कल लोगों की सोच काफी मॉडर्न हो गई है. इसलिए आज के समय में लड़कियों को भी वही सम्मान और अधिकार दिए जाते है, जो लड़को को मिलते है. पर क्या वास्तव में लोगों की सोच बदली है. बरहलाल आज जो हम आपको बताने जा रहे है, उसे पढ़ने के बाद आप भी इस बारे में सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. जी हां दरअसल इस समाज और देश में सब कुछ बदल सकता है, पर लड़कियों का शोषण होना बंद नहीं हो सकता. आपने कई बार लड़कियों के साथ हुई रेप की वारदाते सुनी होगी. मगर क्या आपने कभी किसी लड़की के शव के साथ रेप होने के बारे में सुना है.

हैवानियत की सारी हदे हुई पार, लड़को ने युवती के शव के साथ की दरिंदगी

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जी हां इस बार दरिंदगी की सारी हदे पार हो चुकी है. वो इसलिए क्यूकि इस बार 26 साल की एक लड़की के शव के साथ रेप करने की घटना सामने आयी है. तो चलिए आपको बताते है, कि इस घटना की पूरी सच्चाई क्या है. गौरतलब है. कि यह घटना उत्तर प्रदेश के गाजियाबद की है. आपको बता दे कि दो लड़को ने 26 साल की इस युवती के शव को कब्र से बाहर निकाला और फिर उसके साथ रेप किया. वही अगर खबरों की माने तो इस घटना की सूचना गांव में रहने वाले लोगो द्वारा दी गई. दरअसल गांव वालो ने जब इस लड़की के शव को कब्र से 20 फ़ीट की दुरी पर देखा. तो तुरंत लड़की के परिजनों और पुलिस को सूचना दे डाली.

इसके इलावा सूत्रों से ये भी पता चला है, कि जब यह लड़की जीवित थी, तब प्रसव पीड़ा होने के कारण इसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और डिलीवरी के दौरान असहाय दर्द होने के कारण इसकी मौत भी हो गई थी. इसके बाद उन लड़को ने इस मृत लड़की के साथ जो किया है. उसे देख कर तो इंसानियत को भी शर्म आ जाए. इसके इलावा आपको बता दे कि इस लड़की का शव रेप से दो दिन पहले ही दफनाया गया था. ऐसे में उन दो लड़को ने लड़की का शव बाहर निकाला और फिर उससे शारीरिक संबंध बनाये. इसके बाद इन लड़को की हैवानियत का खुलासा तो तब हुआ, जब लोगो ने लड़की का शव कब्र से परे, दयनीय अवस्था में देखा.

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केवल इतना ही नहीं, इसके बाद उन लड़को ने इस युवती को बिलकुल नग्न अवस्था में वहां छोड़ दिया. जी हां आपको जान कर हैरानी होगी कि गांव के लोगों ने जब इस लड़की के शव को देखा तो उसके शरीर पर एक भी कपडा नहीं था. बता दे कि शव के साथ हुई इस घटना को लेकर लड़की के परिजनों के साथ साथ गांव के लोगों को भी गहरी ठेस लगी है. इस घटना से समाज की स्थिति और सोच का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. इतना होने के बाद भी लड़कियों के साथ हो रहे अपराध नहीं रोकेंगे बल्कि उनमे और वृद्धि ही होगी. वो इसलिए क्यूकि रेप और लड़कियों का शोषण करने वालो के मन में सजा का कोई डर ही नहीं है, जिसके चलते उनकी हिम्मत और बढ़ जाती है.

केवल लड़कियां ही क्यों, ये दरिंदे तो उन बच्चियों को भी नहीं छोड़ते जो ठीक से बोल और चल फिर नहीं सकते. अब आप खुद सोच सकते है, कि क्या वाकई समाज की सोच और समय में परिवर्तन हुआ है. ऐसे में अगर महिलाओ के साथ होने वाले अपराधों के आंकड़ों को गौर से देखा जाए तो ये पहले से ज्यादा बढ़ गए है. इसके इलावा इन आंकड़ों में यह भी सामने आया है, कि पिछले एक दशक में महिलाओ के खिलाफ करीब 22 लाख 40 हजार अपराधिक घटनाये हुई. यानि पिछले एक दशक में हर एक घंटे में 26 महिलाओ के साथ अपराधिक घटनाये हुई है. वही एनसीआरटी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड योग की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी है, कि महिलाओ को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के बावजूद भी 2014 में हर रोज 100 महिलाओ के साथ बलात्कार हुआ.

जिनमे से 64 महिलाये यौन शोषण का शिकार हुई. अगर रिपोर्ट की माने तो 2014 में केंद्र शासित और राज्यों को मिला कर कुल 36735 मामले दर्ज़ हुए. इसके इलावा अगर रिपोर्ट की माने तो मध्य प्रदेश महिलाओ के लिए सबसे असुरक्षित राज्य के रूप में सामने आया. इसके इलावा कई बार अनपढ़ता को भी इस अपराध के लिए कसूरवार ठहराया जाता है, मगर आपको बता दे कि जो राज्य अपनी उच्च पढ़ाई लिखाई को लेकर जाने जाते है, वहां भी महिलाएं कुछ खास सुरक्षित नहीं है.वही महिलाओ की सुरक्षा के लिए जो कानून बनाये गए है, उनका भी किसी को कोई भय नहीं है या यूँ कहा जाए कि इन क़ानूनी नियमो का पालन ही नहीं किया जाता. जिसकी सजा महिलाओ को ही भुगतनी पड़ती है. उम्मीद है कि इस सच को जानने के बाद आप इसके बारे में जरूर सोचेंगे. पर ये सब जानने के बाद इतना तो तय है, कि महिलाओ को जीते जी ही नहीं, बल्कि मरने के बाद भी अपनी सुरक्षा का इंतज़ार है, जो शायद ही उन्हें कभी मिल पाएगी.

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