योगी सरकार का एक और धमाकेदार फैसला, अब 50 की उम्र में भी बन सकते हैं PCS अधिकारी

उत्‍तर प्रदेश सरकार ने सीसैट (सिविल सर्विस एप्‍टीट्यूट टेस्‍ट) से प्रभावित पीसीएस परीक्षा के कैंडिडेट्स को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब  सामान्य वर्ग के प्रतियोगी छात्र 45 वर्ष और ओबीसी, एससी-एसटी के प्रतियोगी 50 वर्ष की आयु तक पीसीएस प्री परीक्षा दे सकेंगे।  दिव्यांग प्रतियोगी छात्रों की ही बात करें तो वे अधिकतम 55 वर्ष की आयु तक परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

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पीसीएस की परीक्षा के लिए सरकार ने लिया बड़ा फैसला

बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रतियोगी छात्रों के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा वर्ष 2011 के पहले पत्र-एक और पत्र-दो की व्यवस्था थी। बाद में सीसैट की व्यवस्था लागू की गई। पीसीएस में भी इसे लागू कर दिया गया, जिससे वर्ष 2013 के प्रतियोगी छात्रों को काफी दिक्कतें हुईं।

फैसले के मुताबिक, सीसैट से प्रभावित वे छात्र जो 2013 से 2015 के बीच ओवर एज हो गए, उन्हें पीसीएस की परीक्षा में शामिल होने के लिए दो और अवसर दिए जाएंगे। पीसीएस परीक्षा में शामिल होने की सामान्य अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है। जो अभ्यर्थी 2013 में ओवरएज हो गए, उनकी आयु अब 44 वर्ष हो चुकी है। यानी दो अवसर मिलने पर अब वे 45 वर्ष तक पीसीएस की परीक्षा दे सकेंगे।

इसी तरह ओबीसी, एससी और एसटी अभ्यर्थी 45 वर्ष की आयु तक परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस श्रेणी के जो अभ्यर्थी 2013 में ओवरएज हो चुके हैं उनकी आयु वर्तमान में 49 वर्ष है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को भी आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट मिलती है।

विकलांग अभ्यर्थियों को 15 वर्ष की छूट के साथ 55 वर्ष तक आवेदन करने की इजाजत है। दो अतिरिक्त अवसर मिलने पर 2013 में ओवरएज हुए दिव्यांग अभ्यर्थी 60 वर्ष की आयु तक परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। अफसरों का कहना है कि इस संबंध में स्थिति शासनादेश जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

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