हैदराबाद एनकाउंटर: हाईकोर्ट ने शवों के अंतिम संस्कार पर चार दिन तक लगाई रोक, जानें क्यों?

महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों का हैदराबाद पुलिस ने एनकाउंटर कर पीड़िता को इंसाफ दिला दिया। इस एनकाउंटर पर जहां हैदराबाद पुलिस की देशभर में तारीफ हो रही है वहीं कुछ लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं। इस बीच पूरे मामले में हैदराबाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि दुष्कर्म और हत्या के पीड़ितों के शवों का अभी अंतिम संस्कार ना किया जाए और उन्हें प्रीजर्व किया जाए। मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर, यानी सोमवार को होगी।

बता दें कि शुक्रवार को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सुबह दुष्कर्म और हत्या के सीन की रीक्रीएट करने के लिए टीम सभी आरोपियों को मौका-ए-वारदात पर लेकर गई थी लेकिन वहां आरोपियों ने पुलिसवालों पर हमला कर उनके हथियार छीन लिए थे। इसके बाद टीम ने उन्हें हथियार डालने को कहा लेकिन जब वो भागने की कोशिश करने लगे तो एनकाउंटर में मारे गए।

मामले में पुलिस ने सफाई दे दी है लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में तत्काल सुनवाई की है और आदेश दिए हैं कि शवों को सोमवार तक प्रीजर्व किया जाए और उनके पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाई जाए। यह रिकॉर्डिंग शाम तक रजिस्ट्रार के पास जमा करवानी होगी।

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आदेश में महबूबनगर के प्रिंसिपल जिला जज ने कहा है कि इसे रिसीव करने के बाद उसे तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को आज शाम तक सौंपने के लिए कहा है। इसके बाद मामले में सुनवाई सोमवार को होगी।

मालूम हो कि 27 नवंबर की रात महिला डॉक्टर का अपहरण कर दुष्कर्म और हत्या करने वाले चारों आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार सुबह हुए एनकाउंटर में उसी जगह ढेर कर दिया था जहां उन्होंने घिनोंनी वारदात को अंजाम दिया गया था। सभी आरोपी मौके से भागने की फिराक में थे और तब यह एनकाउंटर हुआ। जैसे ही यह खबर सामने आई पूरे देश में लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था।

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