बड़ी खबर: हुआ बड़ा आतंकी हमला, 2580 जवान हुए घायल, चारो तरफ़ मची भगदड़

पिछले साल जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में 200 से अधिक हिंसक घटनाओं में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 2,580 जवान घायल हुए हैं। सीआरपीएफ के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 142 पथराव की घटनाओं, 47 ग्रेनेड ब्लास्ट, तीन गोलिबारी की घटनाओं और 43 बार तेजाब से हुए हमले में जवान घायल हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 122 जवान गंभीर रूप से घायल हुए।

भारत में लांच हुआ सबसे सस्ता 4G स्मार्टफोन 13MP के साथ, मात्र 156 रुपये मेंसीआरपीएफ

जम्मू एवं कश्मीर में यह अशांति वानी की मौत के एक दिन बाद 9 जुलाई को शुरू हुई थी। वानी सैनिकों से मुठभेड़ में मारा गया था। हिंसा में 90 नागरिक मारे गए थे और लगभग 12,000 लोग घायल हुए थे।

सीआरपीएफ के निवर्तमान महानिदेशक के. दुर्गा प्रसाद ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में सीआरपीएफ की अतिरिक्त 158 कंपनियां (16,000 से अधिक जवान) आतंकवादी गातिविधियों को रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात की गईं थीं। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों द्वारा नागरिकों को धमकी दिए जाने के बाद नागरिकों ने जवानों पर हमले किए।

 

प्रसाद ने कहा कि राज्य में स्थानीय लोग आतंकवादियों के दबाव में इस तरह के हमले कर रहे हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल स्थिति में सुधार हुआ है। वे आज 28 फरवरी (मंगलवार) को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के साथ-साथ सीआरपीएफ का सेंट्रल वेलफेयर फंड पथराव में घायल हुए जवानों की आर्थिक सहायता करेगा।

सीआरपीएफ प्रमुख ने कहा कि गृह मंत्रालय आंशिक रूप से घायलों को 2500 रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 7,500 रुपये की सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हम सीआरपीएफ वेलफेयर फंड से भी जवानों को विभिन्न श्रेणियों के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे। इसमें आशिंक रूप से घायलों को 4,000 रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 25,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। वहीं ऑपरेशन के दौरान गोली लगने या बम ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हुए जवानों को 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।

प्रसाद ने कहा कि अभियान के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए जवानों के अस्पताल में भर्ती होने पर उसे एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button