हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण कानून पर लगी रोक, हफ्ते भर से जारी था विरोध प्रदर्शन

हांगकांग। हांगकांग की नेता कैरी लैम ने विवादित प्रत्यर्पण कानून को हफ्ते भर से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद अनिश्चित समय के लिए टाल दिया है। इस कानून में आरोपियों और संदिग्धों को मुकदमा चलाने के लिए सीधे चीन प्रत्यर्पित करने का प्रावधान था। कई लोग चीन समर्थक नेता लैम द्वारा प्रस्तावित इस कानून को हांगकांग की स्वायत्तता और यहां के नागरिकों की स्वतंत्रता पर खतरा मान रहे हैं।

दरअसल 1997 में ब्रिटेन ने चीन को हांगकांग इसी शर्त पर सौंपा था कि ‘वन कंट्री, टू सिस्टम’ के तहत उसकी स्वायत्तता हमेशा बरकरार रहेगी। फरवरी में प्रस्तावित प्रत्यर्पण कानून का शुरुआत से ही विरोध शुरू हो गया था। पिछले रविवार को लाखों लोगों ने इस विवादित कानून को हटाने की मांग करते हुए उग्र विरोध प्रदर्शन किया था, जो हफ्ते भर जारी रहा।

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प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया था। इससे पूरे क्षेत्र में हंगामा मच गया और प्रदर्शनकारी लैम के इस्तीफे की भी मांग करने लगे। लैम के सहयोगी भी उन पर बिल वापस लेने का लगातार दबाव बना रहे थे। इसी के मद्देनजर आखिरकार उन्हें बिल को अनिश्चित काल के लिए टालना पड़ा। हालांकि विरोध के बाद भी वह बिल रद्द ना करने की बात पर अड़ी हुई थी। इस्तीफा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता को उन्हें एक और मौका देना चाहिए।

बिल रद्द करने के लिए फिर से होगी रैली

बिल वापस लेने के लिए इस रविवार को फिर से व्यापक रैली की तैयारी की जा रही है। इस रैली में प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराए जाने की मांग भी की जाएगी।

चीन की बढ़ सकती है चिंता

हांगकांग में प्रत्यर्पण कानून के टल जाने से चीन सरकार की चिंता बढ़ सकती है। चीन पहले ही आर्थिक सुस्ती और अमेरिका से जारी ट्रेड वॉर के संकट से जूझ रहा है।

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