हर किसी को पता होना चाहिए सेक्स से जुड़ी ये 20 असरदार बातें

सेफ सेक्स के लिए कंडोम को सबसे बेहतरीन उपाय माना जाता है. कंडोम न केवल आपको अनचाहे गर्भ से बचाता है, बल्कि इंफेक्शन, एचआईवी/एड्स या फिर अन्य सेक्सुअल डिसीज़ से भी आपका बचाव करता है.
यदि सेक्सुअल रिलेशन में लुब्रिकेटेड कंडोम का इस्तेमाल करें, तो ज़्यादा अच्छा है. लुब्रिकेशन न केवल कंडोम को फटने से बचाता है, बल्कि इसे इस्तेमाल करना भी आसान होता है.
ध्यान रहे कि एक समय में एक ही कंडोम पहनें, दो कंडोम पहनने से आपको नुक़सान हो सकता है.
ओरल सेक्स से बचें, क्योंकि इससे कई तरह के इंफेक्शन्स होने का ख़तरा रहता है. कई ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जब ओरल सेक्स से व्यक्ति को कैंसर व सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ हुई हैं.
यदि आप गर्भनिरोधक के रूप में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ले रही हैं, तो इसे कभी भी मिस न करें. यानी इसे रेग्युलर नियत समय पर लेना न भूलें. हां, यदि कभी एक दिन मिस हो जाए, तो दूसरे दिन दो पिल्स एक साथ ले लें. फिर दोबारा नियमित रूप से पिल्स लेती रहें.
– आमतौर पर पीरियड्स के दौरान सेक्स करना सेफ माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कंसीव करने के चांस कम होते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता है, ख़ासतौर से तब जब आपका मेन्स्ट्रुअल साइकल छोटा हो. इसलिए महिलाएं पीरियड्स के सर्कल को समझते हुए दिनों को कैलकुलेट करके अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रह सकती हैं.

जानें पार्टनर के साथ सेक्सी और गन्दी हरकत करने के जबरदस्त फायदे

सेफ सेक्स के रूप में कुछ कपल्स एक तरीक़ा ऐसा भी अपनाते हैं, जिसमें मेल पार्टनर ऑर्गेज़्म के समय बाहर ही डिस्चार्ज कर देता है. लेकिन यह तरीक़ा भी अधिक सुरक्षित नहीं है. कई बार पुरुष एक्साइटमेंट के समय यह जान ही नहीं पाते कि उनके प्राइवेट पार्ट के आगेवाले हिस्से पर वीर्य गिर चुका होता है व उसमें शुक्राणु हो सकते हैं, जिससे शायद प्रेग्नेेंसी भी हो सकती है.
सेफ सेक्स के रूप में गर्भनिरोधकों के बारे में तो सभी बहुत कुछ जानते होंगे, पर कुछ ऐसे गर्भनिरोधक भी हैं, जिनका इस्तेमाल अनसेफ सेक्स के बाद भी प्रभावकारी होता है, जिसे इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव कहते हैं.
हाल ही में हुए रिसर्च में 59% महिलाओं ने माना कि उन्हें इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव की बहुत कम जानकारी है, जबकि 12% महिलाएं इनके बारे में जानती तक नहीं हैं.

तो आइए, सेफ सेक्स के रूप में इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव के बारे में जानते हैं.
– यूं तो अनसेफ सेक्सुअल रिलेशन के बाद गर्भनिरोध के रूप में सबसे अधिक भरोसा इमर्जेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स पर किया जाता है, पर इनके अलावा भी कुछ विकल्प हैं, जो पूरी तरह से सेफ हैं.
– ऐसे में इमर्जेंसी इंट्रायूटेराइन डिवाइस (आईयूडी) का इस्तेमाल भी बेहतर विकल्प हो सकता है.
– आईयूडी प्लास्टिक या तांबे का बना छोटा-सा उपकरण होता है, जिसे अनसेफ सेक्स के बाद भी महिलाएं यूटेरस में फिक्स करवा सकती हैं. एक बार लगाया गया आईयूडी कम से कम 5 से 10 साल तक गर्भनिरोध में मदद करता है.
– अक्सर हिलाएं यह सोचकर इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स का सेवन नहीं करती हैं कि इससे उनकी फर्टिलिटी कम हो जाती है, जबकि ऐसा नहीं है. हां, यह ज़रूर है कि इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के इस्तेमाल से उस महीने के पीरियड्स प्रभावित हो सकते हैं, पर ये इंफर्टिलिटी की वजह नहीं होता है, अतः इनका इस्तेमाल सेफ समझा जाता है.
ध्यान रहे कि इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल सामान्य इस्तेमाल के लिए नहीं है. इसका इस्तेमाल उसी स्थिति में करते हैं, जब सामान्य कॉन्ट्रासेप्टिव लेने से चूक जाएं. वैसे बेहतर तरीक़ा यह भी हैै कि आप किसी डॉक्टर से इनके इस्तेमाल से संबंधित जानकारी पहले ही ले लें.
रिसर्च में पाया गया कि 50% महिलाओं के बीच यह मिथ है कि इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल एबॉर्शन के लिए किया जाता है, जो कि ग़लत है.
इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का काम एबॉर्शन करना नहीं है. इनके सेवन से अंडाशय में बन रहे अंडकोष का निर्माण रुक जाता है या वो गर्भाशय में नहीं जाते, जिससे प्रेग्नेंसी हो ही नहीं सकती.
इस बात का भी ख़ास ख़्याल रखें कि इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल केवल इमर्जेंसी में ही लें, क्योंकि इनका नियमित रूप से इस्तेमाल करना नुक़सानदायक हो सकता है.
यह एक मिथ है कि असुरक्षित सेक्सुअल रिलेशन होने के तुरंत बाद या फिर 24 घंटों के अंदर ही इनका सेवन लाभदायक हो सकता है, जबकि हक़ीक़त में ऐसा नहीं है.
असुरक्षित सेक्स के 72 घंटों यानी 3 दिनों के अंदर तक इसका इस्तेमाल प्रभावकारी होता है. वैसे आप जितनी जल्दी इसका इस्तेमाल करेेंगी फ़ायदा उतना ही जल्दी होगा.
सेक्स के दौरान अनचाहे गर्भ से बचने के लिए न अब महिलाओं को कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेने की ज़रूरत है और न ही पुरुषों के लिए कंडोम ही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि अब पुरुषों के लिए भी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल तैयार किया जा रहा है, जो उनके पुरुषत्व को भी प्रभावित नहीं करेगी. ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने फैमिली प्लानिंग के लिए पुरुषों की कॉन्ट्रासेप्टिव पिल को तैयार कर ली है, जो जल्द ही बाज़ार में उपलब्ध होगी.

सेक्स अलर्ट

गर्भनिरोध के लिए प्रचलित तरीक़ों में जो महिलाएं गर्भनिरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल कर रही हैं, वे अलर्ट हो जाएं, क्योंकि हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार, जो महिलाएं
कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन का इस्तेमाल अधिक करती हैं, उन्हें दूसरों की अपेक्षा एचआईवी इंफेक्शन का ख़तरा 40% अधिक होता है.
दुनियाभर में 14.4 करोड़ महिलाएं हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन को अधिक महत्व देती हैं, जिनमें क़रीब 4.1 करोड़ महिलाएं कंट्रासेप्टिव इंजेक्शन का इस्तेमाल करती हैं, जबकि 10.3 करोड़ महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं.
रुष प्रजनन क्षमता को अवरोध कर उन्हें कंट्रोल कर सकनेवाली मेडिसिन एच2-गैमेंडाजोल व जेक्यू1 पर भी रिसर्च चल रहा है. ये मेडिसिन शरीर में स्पर्म बनाने की प्रक्रिया को ब्लॉक कर देंगी और भविष्य में सेफ सेक्स के रूप में इनका भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
अपने पार्टनर के साथ ईमानदार रहकर न केवल आप अपनी सेक्सुअल लाइफ अच्छी तरह से एंजॉय कर सकते हैं, बल्कि सेक्सुअल डिसीज़ के ख़तरों को भी कम कर सकते है.

कुछ दिलचस्प बातें

अक्सर पुरुष नसबंदी कराने से कतराते हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण यह मिथ है कि इससे उनमें कमज़ोरी आ जाती है, जबकि ऐसा नहीं है.
 स्पर्म की संख्या पूरे वीर्य में 1 फ़ीसदी से भी कम होती है. 99 फ़ीसदी वीर्य प्रोस्टेट (30%) व शुक्राशय (69%) से ही बनता है.
कई पुरुषों को ऐसा लगता है कि उनके पुरुषत्व का प्रमाण प्रजनन क्षमता पर ही आधारित है. ऐसे लोगों को अपना शक दूर करने के बाद ही नसबंदी करानी चाहिए.
नसबंदी कराने के बाद वीर्य की दो रिपोर्ट स्पर्म निगेटिव होनी ज़रूरी है. इसके बाद आप नॉर्मल सेक्स लाइफ एंजॉय कर सकते हैं.

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