जानें क्यों, हज के लिए देश में छपा 10 व 100 का स्पेशल नोट

हो सकता है कि आपको यह जानकार आश्चर्य हो कि देश में चलने वाले रुपये के अलावा ऐसी भी करेंसी छापी गई थी, जो हमारे देश में नहीं, सिर्फ सउदी अरब में चलती थी, वह भी हज के दौरान।

जी हां भारत से हज के लिए मक्का मदीना जाने वालों के लिए सरकार ने अलग से विशेष नोट छापे थे। सरकार ने हज के लिए 10 और 100 रुपये के नोट जारी किए थे। इन नोटों को एक बार छापने के बाद देश में दोबारा इसकी छपाई नहीं की गई। बाद में हज के लिए छापे गए इस नोट का प्रचलन भारत सरकार ने बंद कर दिया।

भारत में हज के लिए ये विशेष नोट तीन मई 1959 को जारी किए गए थे। 10 रुपये का नोट मेरीन ब्लू रंग का था, जिस पर नाव का चित्र अंकित था। वहीं 100 रुपये का नोट हल्के लाल रंग का था। दोनों नोटों पर हिदी और अंग्रेजी में 10 व 100 रुपये लिखा था। कागज से बने 10 रुपये के नोट का आकार 14.7 सेमी लंबा और 8.3 सेमी चौड़ा और 100 रुपये का नोट 17.7 सेमी लंबा और 10.7 सेमी चौड़ा था। उस वक्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के तत्कालीन गवर्नर एचवीआर लैंगर थे।

गल्फ कंट्री के लिए भी था अलग नोट

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भारत में गल्फ कंट्री (खाड़ी देश) में काम करने जाने वालों के लिए भी अलग से नोटों की छपाई हुई थी। जो एक, पांच, दस और सौ रुपये के थे। 11 मई 1959 को जारी किए एक रुपये के नोट में भारत सरकार के तत्कालीन वित्त सचिव एके राय और पांच, दस और एक सौ रुपये के नोटों पर आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर एचवीआर लैंगर के हस्ताक्षर हैं। इसमें एक और दस रुपये का नोट लाल, पांच का नारंगी और एक सौ रुपये का नोट हरे रंग का था।

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