सोना बेचने वाले एक बार जरुर पढ़ ले ये खबर

भारत में निवेश विकल्प के रूप में सोना एक बेहद चर्चित और आसान विकल्प है. कहा जाता है कि रियल एस्टेट, बैंक एफडी, सेविंग्स, म्यूचुएल फंड आदि ऐसे निवेश विकल्प हैं जो आपको तुरंत पैसा देने में सक्षम नहीं हो पाते हैं लेकिन सोना एकमात्र ऐसा विकल्प है जो आप आधी रात को भी बेचने जाएंगे तो आपको पैसा मिल जाएगा. सोने की लिक्विडिटी इसका सबसे बड़ा गुण है. अगर आपको भी सोना बेचने की जरूरत होती है तो कैसे आप इस दौरान ज्यादा से ज्यादा वैल्यू हासिल कर सकते हैं ये आप यहां जान सकते हैं.
सोने को बेचते समय इन बातों का रखें ध्यान तो मिलेगी अधिकतम वैल्यू
1.अलग-अलग ज्वैलर्स से कोट ले लें- अपने सोने को बेचने का फैसला लिया है तो अलग-अलग ज्वैलर्स से कोट ले लें तो बेहतर रहेगा. जरूरी नहीं कि आप जिस ज्वैलर के पास गए हैं वो आपको मैक्सिमम वैल्यू दिला पाए, लिहाजा आप कम से कम 2-3 ज्वैलर्स के पास जाकर इस सोने की वैल्यूएशन कराएं.
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2. चार प्रमुख कारकों का रखें ध्यान-जब सोना बेचें तो हॉलमार्क का विशेष ध्यान रखें और इसके चार प्रमुख कारकों जैसे बीआईएस मार्क, कैरेट में शुद्धता और हॉलमार्किंग और ज्वैलर की पहचान के निशान को भी देखना चाहिए. कई ज्वैलर्स हॉलमार्क के साथ अपनी निशानी भी गहनों पर लगाते हैं और अगर आप उन्हीं ज्वैलर्स के पास अपना सोना बेचने जाते हैं तो आपको अधिकतम वैल्यू मिल सकती है.
3. हॉलमार्क गहनों को खरीदें-हॉलमार्क गहनों, सिक्कों, बार आदि की अधिकतम वैल्यू आपको मिल सकती है लिहाजा खरीदारी करते वक्त आप हॉलमार्क वाले सोने को ही खरीदें ऐसी सलाह है. हालांकि इसकी कीमत नॉन-हॉलमार्क ज्वैलरी से थोड़ी ज्यादा होती है लेकिन ये इस बात की भी गारंटी होती है कि जब आप बेचेंगे तो आपको मैक्सिमम वैल्यू मिल पाएगी.
4. लोकल ज्वैलरी खरीदने से बचें-अगर आप ज्वैलरी खरीदने जा रहे हैं तो कोशिश करें कि ब्रांडेड ज्वैलरी खरीदें. ब्रांडेड ज्वैलरी से ये फायदा होता है कि इसे ब्रांड वैल्यू के आधार पर जब बेचा जाता है तो आपको ज्यादा फायदा मिलता है.
5.अगर गहने का बिल है तो काफी बेहतर है -आप जिस ज्वैलरी को बेचने जा रहे हैं उसका बिल अगर आपके पास है तो ज्वैलर उसमें लिखी सोने की कैरेट, शुद्धता आदि से इंकार नहीं कर पाता है.