सूर्य को जल चढ़ाने से दूर होती है जीवन की परेशानियां

आपने अक्सर कई लोगों को देखा होगा जो सूर्य को जल चढाते हैं और अर्ध्य देते हैं। सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती हैं और सभी परेशानियों का नाश होता हैं। लेकिन इसी के साथ ही सूर्य को जल चढ़ाने के नियमों की जानकारी होना भी जरूरी हैं ताकि आपको पूर्ण लाभ मिल सकें। इसलिए आज हम आपके लिए सूर्य को जल चढ़ाने से जुड़े नियम लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

सूर्य को जल देने के नियम के बारे में कहा जाता है कि सूर्य को स्नान के बाद तांबे के बर्तन से जल अर्पित करें।

सूर्य देव को जल चढ़ाने का एक समय होता है। सूर्य के उदय होने के एक घंटे के अंदर अर्घ्य देना चाहिए। आप चाहे तो सुबह 8 बजे तक सूर्य को जल दे सकते हैं।

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सूर्य को जल देने से पहले जल में चुटकी भर रोली या लाल चंदन मिलाएं और लाल पुष्प के साथ जल दें।

सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। अगर कभी ऐसा हो कि सूर्य नजर ना आएं तब भी उसी दिशा की और मुख करके ही अर्घ्य दे दें।

सूर्य को जल देते समय लाल वस्त्र पहनें। लाल कपड़ों मे अर्घ्य देना अच्छा माना गया है।

अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है।

सूर्य को जल चढ़ाने के साथ रोजाना इस मंत्र का भी जाप करें। इससे बल, बुद्धि, विद्या और दिव्यता प्राप्त होती है।

 

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