सामने आई पाक पीएम इमरान की बेचैनी, जानें क्यों कहा- फंस गए पीएम मोदी…

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के 365 दिनों बाद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बेहद बेचैन हैं। पूरी जोर लगा लेने के बाद भी वह कुछ कर तो नहीं पाए, लेकिन अब भी बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं। पाक अधिकृत कश्मीर की विधानसभा में बुधवार को इमरान खान ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी ने बड़ी गलती की और वह फंस गए हैं। अब कहना भर ही है तो वह यहां तक कह गए कि कश्मीर जल्द भारत के शासन से आजाद हो जाएगा। 

भारत के खिलाफ हर जंग और हर साजिश में हार का मुंह देख चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कश्मीर पर जो कुछ बोल रहे थे उसका अंजाम पीओके के विधायक जानते हैं और यह उनके चेहरे पर इस तरह झलक रहा था। इसी वजह से इमरान खान ने कहा, ”ऐसा लगता है कि अंदर से आप सभी लोग महसूस कर रहे हैं कि आप हार गए हैं, लेकिन मैं मानता हूं कि कश्मीरी ऐसे वक्त से गुजर रहे हैं जो उनके लिए जीत में खत्म होगा।” 

इमरान खान ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 5 अगस्त को बहुत बड़ी गलती की। इमरान ने कहा, ”वह सोचते थे कि पाकिस्तान चुपचाप बैठा रहेगा, क्योंकि हम भारत से दोस्ती करने की कोशिश कर रहे थे।” हालांकि, इमरान ने यह नहीं बताया कि दोस्ती के प्रयास के तहत उन्होंने कौन से कदम उठाए? यह तो इमरान ही बता सकते हैं कि आतंकियों को भेजकर कौन सी दोस्ती होती है?  

अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर निराशा झेल चुके इमरान खान ने एक बार फिर माना कि दुनिया भारत के पक्ष में ही बोलेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत का समर्थन करेगी और चुप रहेगी क्योंकि पश्चिम चीन के खिलाफ भारत का इस्तेमाल करना चाहता है। इरमान ने कहा कि दुनिया के अधिकतर देश और नेता नहीं जानते हैं कि कश्मीर में क्या चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें अपने लिए लिखने नहीं दिया तो उन्हें काफी समझाना पड़ा। 

इरमान खान ने कहा कि 5 अगस्त को उठाए गए कदम की वजह से पश्चिमी मीडिया ने पहली बार पिछले एक साल में भारत की निंदा की है। इरमान ने कहा, ”पहले जब बांग्लादेश बना तो दुनिया ने भारत को सकारात्मक रूप में देखना शुरू किया, हमें नहीं, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।” 

पाकिस्तान के पहले राजनीतिक नक्शे को जारी करने पर इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के लिए प्रतिक्रिया देना और दुनिया को यह बताना जरूरी था कि यह एक विवादित इलाका है, खासकर तब जब भारत ने गिलगित बाल्टिस्तान और दूसरे इलाकों पर दावा किया।

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