बड़ी कंपनियों के लिए भी एमएसएमई क्षेत्र के खुले दरवाजे ,सरकार ने हटाया बैन

केंद्रीय मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि कॉरपोरेट जगत की बड़ी कंपनियों के लिए भी एमएसएमई क्षेत्र के दरवाजे खोल दिए गए हैं। इससे नौकरियों की बहार आएगी और आयात पर हमारी निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी। उद्योग जगत और सरकार के बीच भरोसे की कोई कमी नहीं है और हम लाल-फीताशाही को खत्म कर इस दिशा में तेजी से ओ बढ़ रहे हैं।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद में देशभर के 100 से अधिक सीईओ के साथ मुलाकात में गडकरी ने कहा कि सरकार निवेशोन्मुखी है और उद्योग जगत को रोजगार, विकास और निर्यात बढ़ाने के लिए हरसंभव मदद देने को तैयार है। उद्योग जगत में हमारा पूरा भरोसा है और आपके सुझावों व सिफारिशों के आधार पर सुधार के लिए आगे बढ़ेंगे। गडकरी ने कहा कि हमारी इस विकास यात्रा में उद्योग जगत को भागीदार की तरह शामिल होना चाहिए। एमएसएमई क्षेत्र में वृद्धि और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं, इसीलिए सरकार ने निजी और बड़ी कंपनियों को भी इसमें शामिल करने का रास्ता खोला है।  

बढ़ाना होगा निर्यात का रास्ता

गडकरी ने कहा कि हमें आयात पर निर्भरता घटाकर निर्यात के रास्ते पर बढ़ने की जरूरत है, जो एमएसएमई के विकास से ही संभव होगा। अभी हम सालाना 4,000 करोड़ की अगरबत्ती का आयात करते हैं, जिसे घरेलू बाजार में ही बनाया जा सकता है। बड़ी कंपनियां एमएसएमई क्षेत्र के लिए ऐसा माहौल विकसित करें जिसमें घर से उत्पाद बनाने में सहायता मिले। सरकार इन उत्पादों के निर्यात में पूरी मदद करेगी और इसके लिए जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी देगी।

ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता दें

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का बड़ा वर्ग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है और उनकी जीविका का साधन खेती-बाड़ी  है। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता दें, ताकि वहां के अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। उद्योग जगत बताए कि किस जगह कौन-सा क्लस्टर विकसित किया जाना है। सरकार का प्रयास नई तकनीक का इस्तेमाल कर ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करना है। इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र खोले जा रहे हैं और औद्योगिक घराने इस काम में आगे आएंगे तो सरकार मदद करेगी। 

सरकार का लक्ष्य जीडीपी बढ़ाना

गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य जीडीपी वृद्धि दर में बढ़ोतरी करना है। इसे कौन बढ़ा रहा है, कैसे बढ़ा रहा है, इस पर ध्यान नहीं देना है। हमारा बस एक ही लक्ष्य है कि अर्थव्यवस्था में तरक्की कैसे हो और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले। सड़क और राजमार्ग क्षेत्र की जीडीपी में 1.75 फीसदी की भागीदारी है, जिसे और बढ़ाना है। इसी तरह, जैव ईंधन का उत्पादन बढ़ाकर तेल आयात पर सालाना होने वाले 7 लाख करोड़ के खर्च को भी घटाया जाएगा जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।

”निजी क्षेत्र हमारे साथ मिलकर काम करे, सरकार को उनकी जरूरत भी है। इसके लिए हमने लाल-फीताशाही को खत्म कर पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। एमएसएमई के साथ जुड़ने के लिए निजी क्षेत्र को तत्काल अनुमति देने की व्यवस्था बनाई है।”

नितिन गडकरी, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री

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