सजाये मौत के बाद बोला था मुकेश- ‘हमारी फांसी लड़कियों के लिए खतरा साबित होगी’
निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. 4 मार्च, 2015 यह वो तारीख है जिस दिन निर्भया केस एक बार फिर से चर्चा में आ गया था. दरअसल इस बार इसके चर्चा में आने का कारण बनी ‘इंडियाज़ डॉटर’ नामक एक डॉक्यूमेंट्री, जिसे विदेशी फिल्ममेकर लेस्ली उड्विन ने बनाया था. यह डॉक्यूमेंट्री निर्भया केस पर आधारित थी. इसमें निर्भया के दोषी मुकेश सिंह के कबूलनामे से इस मुद्दे पर एक बार फिर नए सिरे से बहस शुरू हो गई थी.
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मुकेश कहता है, ‘लड़कियां घरों का काम करने के लिए बनी होती हैं न कि गलत कपड़े पहनकर डिस्को और बार में घूमने के लिए. सिर्फ 20 प्रतिशत लड़कियां ही अच्छी होती हैं. जब हम उसका रेप कर रहे थे, तब उसे हमें रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी. उसे चुपचाप जो हो रहा था, होने देना था. तब हम उसके साथ रेप करने के बाद उसे घर छोड़ देते. सिर्फ लड़के को मारते. किसी रेपिस्ट को मौत की सजा देना लड़कियों के लिए और खतरनाक हो जाएगा.’
मुकेश ने आगे कहा, ‘पहले रेप करके कहते थे, ‘इसे छोड़ दो, ये किसी से नहीं कहेगी.’ लेकिन अब जो रेप करेंगे, वो लड़की को सीधे मार देंगे, छोड़ेंगे नहीं.’ इतना ही नहीं, दोषियों के एक वकील ए.पी. सिंह ने भी कुछ इसी तरह की मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए कहा, ‘अगर मेरी बेटी या बहन शादी से पहले किसी के साथ संबंध बनाएगी, अपना चरित्र खराब करेगी, तो मैं खुद उसे अपने फार्म हाउस लेकर जाऊंगा और सबके सामने उस पर पेट्रोल डाल कर उसे जला दूंगा.’
चारों दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने शुक्रवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘जो दोषी हैं, वो अभी बच्चे हैं, स्टूडेंट हैं. सभी को बेरोजगारी की दिक्कत थी. वो इस पर आगे रिव्यू पिटिशन डालने के बारे में सोच रहे हैं.’ इस डॉक्यूमेंट्री में बचाव पक्ष के वकील एम.एल शर्मा का भी इंटरव्यू है. वह कहते हैं, ‘लड़कियां हीरे से भी ज्यादा कीमती होती है, अगर उसे सड़क पर रखा जाएगा तो यकीन मानिए कोई न कोई उसे जरूर ले जाएगा.’
इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारित होने से पहले ही भारत सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी. जिसके बाद भारत में इसके प्रसारण पर रोक लगा दी गई. हालांकि उससे पहले ही यूट्यूब पर इसे अपलोड कर दिया गया था. बाद में इसे यूट्यूब से भी हटा दिया गया. हालांकि इस फिल्म की निर्माता लेस्ली उड्विन ने कहा कि यह फिल्म बलात्कार जैसी घटना के प्रति भारतीय जनता द्वारा दिखाए गए आक्रोश और असहिष्णुता को सम्मानित करती है.