श्री श्री रविशंकर ने कहा, धर्म जीवन जीने की कला सिखाता है

इंदौर । आध्यात्मिक गुरू और ऑर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर का कहना है कि धर्म वही जो हमको थामे रखे।क्षमा ही धर्म है। हमाने मन में सबके कल्याण की भावना होनी चाहिये।
तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री श्री ने कहा कि शुद्धता भी धर्म है। इन्द्रियों पर काबू रखना धर्म है । इस प्रकार के 10 धर्म हैं। बुद्धिमान ही धार्मिक हो सकते हैं। बेवकूफ धार्मिक नहीं हो सकते ।
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि धर्म के अभाव के कारण चोरी और दूसरी घटनाएं हो रही हैं। औरों के काम आ जाएं हम यह भाव सबके दिल में हो। हम सबके काम आएं यही उदगार होना चाहिये। चिंतन देश में सदियों से बने हुए हैं । दुनिया में एक्सपो की कल्पना कुम्भ मेले में हुई । यहां अलग – अलग धर्म और समाज के लोग एक स्थान पर एकत्र हुए यह अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि भारत का दिल मध्य प्रदेश ही है। आज धर्म के अभाव के कारण आत्महत्या हो रही है और भ्रष्टाचार फैल रहा है। राज धर्म , समाज धर्म और मानव धर्म में धर्म का पोषण करें।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि महात्मा ग़ांधी, दीनदयाल उपाध्याय , सरदार पटेल, स्वामी विवेकानंद धर्म में आस्था रखते थे और सामाजिक भी थे इसलिए वे समाज के कल्याण का काम करते थे।
श्री श्री के अनुसार आज हर 2 सेकेण्ड में 7 व्यक्ति तनाव के कारण मर रहे हैं । विश्वास की कमी के कारण व्यक्ति टूट जाता है और टूटने के बात वह अधर्म के काम करता है । इसलिए धर्म व्यक्ति में विश्वास जागृत करता है।
आयोजन स्थल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और अन्य ने उनका स्वागत किया। श्रीश्री के आगमन पर सभागृह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वहीं आयोजन स्थल पर काफी सख्ती बरती जा रही है। कई पास धारक भी अंदर जाने की जद्दोजहद करते रहे।
अपने स्वागत संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज ने श्रीश्री की ओर मुखाबित होकर कहा आई लव यू गुरूजी। उन्होंने लोगों से कहा कि आप भी उनसे प्यार करते हैं मैं भी उनसे प्यार करता हूं।
सीएम ने कहा कि यह हम सब के लिए आनंद का विषय है । सिहस्थ के पहले वेचरिक मंथन हुआ । इसमें जो अमृत निकल है वह सभी को प्राप्त होगा । इसे देश और दुनिया तक पहुचायेंगे। सभी में एक ही चेतना है ।साधना और तपस्या दिखाई नहीं देते पर साधक पहचान लेते हैं ।
उन्होंने कहा कि आयोजन में 300 शोध पत्र रखे गए जबकि 10 विदेशी मेहमानो से सत्रों की अध्यक्षता की है। ऐसे संतों का समागम होना चाहिये । सिंहस्थ से पहले फिर वैचारिक कुंभ होगा उसमें प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के जरिए भारत एक बार फिर दुनिया को दिशा दिखाने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांची में सेंटर फॉर अल्टरनेटिव लर्निंग खोल जायेगा। उन्होंने सभी देशों के लोगों को इसके लिए आमंत्रित किया।