शेयर बाजार पर छाया है GST का जादू, जानें कैसे होगा आपको ये फायदा…

GST की सुगबुगाहट के बीच भारतीय शेयर बाजार 1 जुलाई 2017 से पहले अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं. 14 जून को बीएसई सेंसेक्स 31 हजार के स्तर के ऊपर कारोबार कर रहा है. 6 जून को सेंसेक्स अबतक के शीर्षतम स्तर 31,430 पर पहुंच गया था. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज प्रमुख निफ्टी 50 जहां 6 जून को 9,700 के स्तर पर था बुधवार को 9,585 के स्तर पर कारोबार कर रहा है.

शेयर बाजार पर छाया है GST का जादू, जानें कैसे होगा आपको ये फायदा...

शेयर बाजार के जानकारों के मुताबिक बीते कुछ महीनों में जीएसटी की उम्मीद पर कई कंपनियों के शेयर्स में तेज ग्रोथ देखने को मिली है. इन कंपनियों के शेयरों में दर्ज हो रही उछाल के पीछे जानकार बता रहे हैं कि देश के नए टैक्स सिस्टम से इन क्षेत्रों की कंपनियों को सबसे बड़ा फायदा पहुंचने जा रहा है.

बाजार के जानकारों का दावा है कि जीएसटी लागू होने के बाद उन क्षेत्र की कंपनियों में ज्यादा फायदा होगा जहां अधिकांश कारोबार असंगठित क्षेत्र में था. बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रमुख से बातचीत में बताया गया कि जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा देश में आम आदमी को होगा. वहीं इससे सरकार की आमदनी में भी बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा.

इस मार्केट में कंपनियों का बढ़ेगा मुनाफा

1. स्टील: जीएसटी लागू होने के बाद स्टील कारोबार पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा. वहीं स्टील इंडस्ट्री को सपोर्ट करने वाले कोयला और आइरन ओर पर महज 5 फीसदी टैक्स लगेगा. इसका भी फायदा जीएसटी लागू होने के बाद स्टील सेक्टर की कंपनियों को होगा.

2. कॉमर्शियल वेहिकल: देश में रोड नेटवर्क विस्तार के साथ-साथ जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद कॉमर्शियल वेहिकल की सेल में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.

3. एयरकूलर: जीएसटी लागू होने के बाद एयरकूलर बनाने वाली कंपनियों को तेज ग्रोथ देखने को मिलेगी. मौजूदा समय में 70-80 फीसदी वॉटर कूलर मार्केट असंगठित क्षेत्र में है.

4. अंडर गार्मेंट: भारत में अंडर गार्मेंट मार्केट का बड़ा हिस्सा असंगठित है. वहीं जीएसटी लागू होने के बाद 1000 रुपये से कम के अंडरगार्मेंट्स पर महज 5 फीसदी टैक्स निर्धारित किया गया है. असंगठित होने के साथ-साथ सस्ते अंडरगार्मेंट के पास देश की सबसे बड़ी डिमांड है.

5. सिगरेट और तंबाकू: जीएसटी लागू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा तंबाकू और सिगरेट कंपनियों को होगा. दरअसल मौजूदा समय में इस क्षेत्र में टैक्स अनिश्चितता सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि राज्य सरकारें इन उत्पादों पर कभी भी टैक्स लगाने के लिए स्वतंत्र थीं. अब जीएसटी से केन्द्र सरकार ने इस क्षेत्र में टैक्स पर कैप लगा दिया है.

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