शिवराज सरकार ने जो दिग्विजय से छिना था, उसे कमलनाथ ने वापस दिया

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को फिर सरकारी बंगला अलॉट हुआ है. श्यामल हिल्स स्थित बंगला दिग्विजय सिंह ने कोर्ट के आदेश के बाद खाली किया था. राज्यसभा सांसद होने के नाते उन्हें यह सरकारी बंगला दिया गया है.

आपको बता दें कि इससे पहले हाइकोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने का आदेश दिया था. इस फैसले के बाद सरकार ने भी आदेश जारी किया और पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले का आवंटन निरस्त कर दिया.

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इसके कुछ दिन बाद नए आदेश जारी हुए. इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके बंगले फिर से दे दिए गए. लेकिन जब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला देने की बारी आई तो इसमें खेल हो गया. पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दोबारा अलॉट करते समय शिवराज सरकार ने बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों का ध्यान तो रखा लेकिन कांग्रेस सरकार में सीएम रहे दिग्विजय सिंह को किनारे कर दिया था.

उस वक्त शिवराज सरकार ने जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले फिर से अलॉट किये थे उनमें बीजेपी की उमा भारती, बाबूलाल गौर और कैलाश जोशी के नाम तो थे, लेकिन 10 साल तक एमपी के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का नाम नहीं था. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पहले भी शिवराज सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था.

शिवराज को मिला सुषमा स्वराज का बंगला…

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से सांसद केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का सरकारी बंगला सी-7 प्रोफेसर कालोनी आवंटित कर दिया है. बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से उन्हें सिविल लाइन स्थित यह बंगला आवंटित करने का आग्रह किया था, जिसे स्वीकार कर उन्हें यह आवास आवंटित किया है.

ज्योतिरादित्य और सांसद विवेक तन्खा को नहीं मिला बंगला…

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद कमलनाथ के पास बंगले आवंटन की लम्बी लिस्ट आई है. जिस पर विचार विमर्श चल रहा है. हालांकि, अब तक पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा सांसद विवेक तन्खा को बंगला आवंटित नहीं किया है.  

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