शहर में बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का खतरा, अब तक पांच को बना चुका अपना शिकार

शहर में दो और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इस बार स्वाइन फ्लू की चपेट में  दो बच्चे आए हैं। इसमें एक की उम्र 9 साल और दूसरे की उम्र 7 साल है। 9 साल के बच्चे में मैक्स अस्पताल और 7 साल के बच्चे में लाल पैथ लैब ने स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है।
शहर में बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का खतरा, अब तक पांच को बना चुका अपना शिकार
सोमवार को जिला अस्पताल में बच्चे और उसके पूरे परिवार को दवाई दी गई है। इसके साथ ही बच्चे के सैंपल क्रॉस चेक के लिए गए हैं। इन सैंपलों को क्रास चेक के लिए दिल्ली स्थित एनआईसीडी को भेजा गया है। अब तक जिले में पांच स्वाइन फ्लू के मरीज आ चुके हैं। जिसमें एक मरीज की मौत हो चुकी है।

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जिला अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर एच एम लवानिया ने बताया कि सेक्टर- 120 के एक अपार्टमेंट में रहने वाले 7 वर्ष के बच्चे में लाल पैथ लैब ने स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है। उसके माता पिता उसकी रिपोर्ट लेकर आए थे। रिपोर्ट के आधार पर दवाई दे दी गई है।

इसके साथ ही बच्चे का सैंपल जांच के लिए लिया गया है। उसको स्वास्थ्य विभाग को भेज दिए हैं। अडिशनल सीएमओ डॉक्टर राजीव प्रसाद ने बताया कि एक बच्चा मैक्स अस्पताल और दूसरा बच्चे की लाल पैथ लैब में जांच हुई थी। रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।

इनके सैंपल लेकर जांच के लिए दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज भेज दिए गए हैं। पिछले बार कई लैब की रिपोर्ट गलती मिली थी। इसलिए एनआईसीडी भी सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

स्कूलों को भी जारी किया अलर्ट 

गर्मियों की छुट्टियों को लेकर स्कूल बंद होने वाले हैं। हालांकि सतर्कता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों में स्वाइन फ्लू मिलने के बाद स्कूलों को भी फोन करके सतर्क कर दिया है। अडिशनल सीएमओ डॉक्टर राजीव प्रसाद ने बताया कि अभी मौखिक रूप से स्कूलों को सतर्क किया गया है।

जल्द ही स्कूलों को नोटिस भी भेजे जाएंगे। स्कूलों को स्वाइन फ्लू के लक्षणों के बारे में बताया जाएगा। अगर किसी बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलते हैं तो तुरंत जांच कराएंगे। हालांकि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।

कैसे लगे वैक्सीन, अस्पताल में नहीं है सेकंड डोज
स्वाइन फ्लू के मामले आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल के पूरे स्टाफ को वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए थे। ताकि वो बीमारी से बच सकें। अस्पताल में डॉक्टर को वैक्सीन तो लगाई गई है, लेकिन सिर्फ एक डोज दी गई है।

उसके  बाद वैक्सीन की एक डोज और दी जाती है।  जो कि खत्म हो चुकी है। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि  वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगाई गई है। ऐसे में पहली डोज का कोई फायदा नहीं है।  अडिशनल सीएमओ ने बताया कि दूसरी डोज के लिए वैक्सीन मंगाई जा रही है।

जिला अस्पताल में नहीं बना स्वाइन फ्लू वॉर्ड
जिला अस्पताल में अभी तक स्वाइन फ्लू के मरीजों के वॉर्ड नहीं बनाया गया है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से वॉर्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमएस डॉक्टर वंदना शर्मा ने बताया कि हर स्वाइन फ्लू के मरीज को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

​अगर कोई गंभीर मरीज आएगा तो उसको वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसको लेकर मंगलवार को अस्पताल में मीटिंग की जाएगी। उसके बाद वॉर्ड बनाने का निर्णय लिया जाएगा।

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