तो इसलिए यूनेस्को में लोग दूर दूर से आते है कीचड़ में नहाने, वजह बेहद हैरान कर देने वाली…

हमने सुना है अक्सर सुना होगा की लोग किसी कुम्भ में नहाने जाते है या फिर किसी कुंड में नहाने जाते है जहां जाकर वो अपने सारे पाप धो लेते हैं. लेकिन क्या अपने सुना है की लोग दूर दूर से कीचड़ में नहाने आते है. शायद नहीं सुना होगा, तो आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं जहाँ लोग दूर दूर से आते हैं वो भी कीचड़ में नहाने के लिए.

दरअसल, अजरबैजान का गोबुस्तान नेशनल पार्क यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल है. यहां करीब 20 ज्वालामुखीय कुंड हैं. इनमें नहाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद बताया जाता है. अजरबैजान के गोबुस्तान नेशनल पार्क के कुंडों में स्नान करने के लिए हर साल दुनिया भर से हजारों सैलानी आते हैं. आपको बता दें, अजरबैजान की गिनती उन देशों में होती है जहां सबसे बड़े कुंड हैं. गोबुस्तान में करीब 20 साल बाद कीचड़ से भरा ज्वालामुखी सक्रिय होता है, इस दौरान कीचड़ काफी दूर दूर तक फैल जाता है.

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इस बारे में कई लोगों का मानना है कि कीचड़ से भरे इन कुंडों में स्नान करने से सांस और त्वचा की बीमारियों से राहत मिलती है. मानव विज्ञानियों का अनुमान है कि कीचड़ के इन कुंडों को हजारों साल पहले इंसान से खोजा और इनका इस्तेमाल करना शुरू किया. ज्वालामुखी गतिविधियों से बनने वाले इन कुंडों में गर्म कीचड़ होता है. लोगों को चेतावनी दी जाती है कि वह तापमान चेक करने के बाद ही कुंड में जाएं. इन कुंडों के जरिये बहने वाला कीचड़ देर सबेर मिट्टी के ढेर में तब्दील हो जाता है. स्थानीय लोग उस मिट्टी का भी इलाज के लिए इस्तेमाल करते हैं.

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