लोकतंत्र बचाने के लिए भाजपा को हटाना ‘राष्ट्र धर्म’ : अखिलेश

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आरएसएस व भाजपा पाखंडी हैं। झूठ की खेती उगाना इनका एजेंडा है। भाजपा रोजगार, किसान और महंगाई के मुद्दों पर पर्दा डाल रही है। नौजवानों की पीढ़ी बिना कामकाज के भटक रही है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनावों में लोकतंत्र की परीक्षा होगी। लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को हटाना ‘राष्ट्र धर्म‘ है।

अखिलेश पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज में नफरत फैलाना भाजपा का मुख्य काम है। अंधविश्वास की आड़ में भाजपा अधर्म करती है। छल बल से भाजपा ने देश के कारपोरेट जगत पर एकाधिकार कर रखा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस का विकास व सामाजिक सौहार्द से कोई लेना-देना नहीं है। देश स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी। समाजवादियों ने सन् 1942 के आंदोलन को गति दी थी।

‘भाजपा राज में अहिंसक आंदोलनों पर किया गया लाठीचार्ज’

सपा अध्यक्ष ने कहा, भाजपा राज में अहिंसक आंदोलनों, प्रदर्शनों पर बर्बर लाठीचार्ज किया जाता है। किसानों-नौजवानों और छात्र-छात्राओं पर गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं। बलपूर्वक और एक पक्षीय तरीके से सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है।

महिला सशक्तीकरण के नाम पर जो अध्यादेश सरकार ला रही है वह धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के लिए खतरा हैं। विश्वविद्यालयों से लेकर सड़क तक भाजपा उत्पीड़न की कार्यवाही कर रही है। सम्मान और सद्भाव की राजनीति ही देश को प्रगतिशील बना सकती है।

हमारे काम की प्रशंसा हार्वर्ड तक हुई

अखिलेश ने कहा, समाजवादी सरकार ने 18 लाख लैपटॉप बांटे, जिसकी प्रशंसा हार्वर्ड विश्वविद्यालय तक हुईं है। भाजपा ने न तो लैपटॉप बांटे और नहीं इंटरनेट को आम आदमी के लिए उपलब्ध कराया। भाजपाई रंग और नाम बदलने तथा नफरत की राजनीति को ही विकास समझते है।
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