बड़ी ख़बर: राहुल गांधी की पुलिस के साथ हुई झड़प, पुलिस ने लिया हिरासत

नई दिल्ली- मध्य प्रदेश के मंदसौर में मृतक किसानों के परिवार से मिलने गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को हिरासत में लेने के बाद पुलिस जमानत पर रिहा कर दिया है। पुलिस ने उनको मध्य प्रदेश के नीमच के रास्ते पर हिरासत में लिया था। यहां पहुंचकर राहुल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की जिससे वो किसानों से न मिल सकें। वहीं सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी किसानों से मिले बिना वहां से नहीं लौटेंगे। किसान भी राहुल से मिलने के इंतजार में वहां डटे हुए है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने फोन के माध्यम से किसानों से बात भी की है। 

अभी-अभी: राहुल गांधी की पुलिस के साथ हुई झड़प, पुलिस ने लिया हिरासत

बताते चलें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मप्र-राजस्थान की सीमा पर नयागांव में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। वे बाइक से मंदसौर जाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान राहुल की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। उनके साथ मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा रोके जाने का विरोध किया। 

तब राहुल गांधी ने कहा था कि पुलिस ने हिरासत में लेने का कोई कारण नहीं बताया सिर्फ कहा कि उनको गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि उनके साथ इसी तरह का प्रयास उत्तर प्रदेश में भी किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वो न किसानों का कर्ज माफ करते हैं और न बोनस देते हैं सिर्फ गोली देते हैं।

राहुल गांधी पहले उदयपुर पहुंचकर कार से मंदसौर के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में वे पुलिस को चकमा देने के लिए बाइक पर बैठकर निकल गए।

प्रशासन ने नेताओं को नहीं जाने दिया मंदसौर

इधर, इस मामले पर पर राजनीति भी तेज होती जा रही है। बुधवार को कांग्रेस के बंद के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज (गुरुवार) मंदसौर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे। राहुल को बुधवार को ही मंदसौर जाना था, लेकिन हालात को देखते हुए उन्होंने अपना दौरा एक दिन के लिए टाल दिया था।

इधर, भाजपा का कहना है कि राहुल के मंदसौर आने से हालात और बिगड़ेंगे। ऐसे में उन्हें राजनीति करने से बचना चाहिए। भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने मंदसौर जाने की कोशिश की थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था।

कई जगह गाड़ियों को जलाया गया, पथराव किया गया

मंदसौर में हुई गोलीबारी में पांच किसानों की मौत के बाद किसानों का गुस्सा जमकर सड़कों और रेल की पटरियों पर टूटा। कई जगहों पर गाडियों को जला दिया गया, पथराव कर बसों के शीशे तोड़े गए और ट्रेन की पटरियों के साथ तोड़फोड़ की गई।

कलेक्टर को उलटे पांव लौटना पड़ा

वहीं बुधवार को मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार किसानों को समझाने गए, लेकिन भीड़ से जान बचाकर उन्हें भागना पड़ा। डीएम ने अब तक सरकार की लाइन को दोहराते हुए कहा कि फायरिंग के आदेश नहीं दिए गए थे।

भोपाल से दिल्ली तक की बैठक नहीं लगा पाई जख्मों पर मरहम

शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर शांति की अपील की है, लेकिन शायद भोपाल से दिल्ली तक की बैठक में मालवा के किसानों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाए।

पूरे इलाके में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। राज्य सरकार ने उपद्रवियों से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की पांच और कंपनियों की मांग की, जिसके बाद केंद्र ने 1100 दंगा विरोधी पुलिस बल मंदसौर भेजे हैं। मंदसौर के अलावा नीमच, रतलाम में भी मोबाइल इंटरनेट बंद है। इस बीच बुधवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की।

 

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