रघुबीर यादव ने बताया कि क्यों ब्लैकबोर्ड Vs वाइटबोर्ड उनके दिल के करीब है और क्यों सभी को ये फ़िल्म ज़रूर देखनी चाहिए
अभिनय की दुनिया का जाना-माना नाम रघुबीर यादव की अगली फ़िल्म ब्लैकबोर्ड Vs वाइटबोर्ड शिक्षा व्यवस्था में बढ़ती व्यवसायिकता और इसके व्यापारिक संभावनाओं की कटु दास्तां बयां करती है. सिर्फ़ शहरों में नहीं, बल्कि छोटे गांवों पर भी इसके बढ़ते कुप्रभाव का असर देखा जा रहा है. मगर कुछ ऐसे आदर्शवादी शिक्षक भी हैं जो विपरीत हालातों में भी आदर्श शिक्षा के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. इस फ़िल्म का उद्देश्य शिक्षा में बढ़ती व्यावसायिकता को निशाना बनाना तो है ही, मगर ये फ़िल्म ऐसे आदर्श शिक्षकों को सामने लाने की कोशिश करती है, जो सभी बच्चों को उनके अधिकार स्वरूप उन्हें शिक्षित करने को लेकर प्रयत्नशील हैं.
रघुबीर यादव ने इस फ़िल्म की प्रासंगिकता पर बात करते हुए कहा, “शिक्षा किसी भी इंसान के प्रगति करने की पहली सीढ़ी होती है. शिक्षा के बग़ैर अपने लक्षों को साकार करना बेहद मुश्किल काम है. एक ओर जहां तेज़ी से विकास हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश के कई हिस्सों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहद ख़राब है. इसके अलावा देश में गरीबों की संख्या भी काफ़ी है. इतना ही नहीं, बड़े पैमाने पर परिवारों के वयस्क लोग भी शिक्षा की अहमियत को नहीं समझते हैं और बच्चों को स्कूल भेजने की बजाय उन्हें कमाई का ज़रिया बनाते हैं. उल्लेखनीय है कि ऐसे इलाकों के शिक्षक भी बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान नहीं देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि छात्र पढ़ने में रूचि नहीं रखते हैं. इस तरह शिक्षा का एक दुष्चक्र निर्माण होता है. कभी-कभार उन्हें इस बात का आभास होता है मगर तब तक काफ़ी देर हो चुकी होती है. ब्लैकबोर्ड Vs वाइटबोर्ड का संदेश है कि शिक्षा सर्वोपरि है. अगर आपको ज़िंदगी में कुछ हासिल करना होता है तो शिक्षा सबसे अहम है. अगर आप नहीं पढ़ेंगे-लिखेंगे तो आपकी अगली पीढ़ियां भी नहीं पढ़ पाएंगी और शिक्षा का ये दुष्चक्र कभी नहीं टूट पाएगा. ये नागरिकों, शिक्षकों और सरकार सभी की साझा ज़िम्मेदारी है कि वो शिक्षा को सबसे अधिक अहमियत दें.”
जब रघुबीर यादव से फ़िल्म की शूटिंग के दौरान का अनुभव पूछा गया तो उन्होंने कहा, “फ़िल्म की मेकिंग मेरे लिए एक न भुलानेवाला अनुभव साबित हुआ. सेट पर शूटिंग करने की बजाय हमने एक असली गांव में शूटिंग की ताक़ि हम जीवन का वास्तविक चित्रण कर पाएं. फ़िल्म की पूरी कास्ट को देकखर यूं लग रहा था कि मानों वो वहीं से जुड़े हों. फ़िल्म की कहानी बेहद अनूठी है और समाज को एक अहम संदेश देती है.”
फ़िल्म का निर्देशन किया है तरुण बिष्ट ने तो वहीं फ़िल्म को साझा तौर पर प्रोड्यूस किया है नुपूर श्रीवास्तव, गिरीष तिवारी आशुतोष सिंह रतन ने. ब्लॉकबोर्ड Vs वाइटबोर्ड में धर्मेंद्र सिंह, अलिस्मिता गोस्वामी, अशोक समर्थ, अखिलेंद्र मिश्रा और पकंज झा भी अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे. 12 अप्रैल, 2019 को रिलीज़ होनेवाली इस फ़िल्म को माइलस्टोन क्रिएशन्स और रतन श्री एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनाया गया है.