यूपी: संक्रमित मरीजों की संख्या 2000 के करीब, शिक्षक बनेंगे कोरोना वॉरियर

न्‍यूज डेस्‍क

उत्तर प्रदेश के कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमित मरीजों की संख्या 2000 के करीब पहुंच गई है। प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि अभी तक प्रदेश में कुल संक्रमित मरीज 1955 हैं। इनमें एक्टिव मरीज की संख्या 1589 है। जबकि प्रदेश में अब तक 59 जिलों में संक्रमण फैला है।

उन्होंने बताया कि एक नया जिला झांसी जुड़ा है। 9 ज़िलों में अभी कोई एक्टिव संक्रमित मरीज नहीं है। प्रमुख सचिव ने बताया कि 335 मरीज अब डिस्चार्ज हो चुके हैं। वही प्रदेश में अब 31 लोगों की मौत हुई है। कुल 1784 मरीज आइसोलेशन और 11363 मरीज क्‍वारंटाइन सेंटर में भर्ती हैं।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में इलाज करा रहे किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है। भर्ती मरीजों में से 15 को ऑक्सीजन दी जा रही है और सभी की हालत स्थिर है।

अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए जनपद स्तर पर समिति बनायी जा रही है। आदेश जारी कर दिया गया है। शाम तक समिति का गठन हो जाएगा, जो अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी।

संक्रमण को छिपाने की आवश्यकता नहीं

उन्होंने कहा कि संक्रमण को छिपाने की आवश्यकता नहीं है। अगर सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार के लक्षण हों तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। प्रमुख सचिव ने कहा, ‘अगर समय से पता चल जाए तो किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होती। ऐसा देखने में आया है कि जहां तबीयत ज्यादा खराब हुई या मौत हुई, वहां या तो व्यक्ति को पहले से कोई गंभीर बीमारी थी या फिर देर से अस्पताल आए।’

उन्होंने कहा कि इसी वजह से आवश्यक है कि जैसे ही लक्षण नजर आएं, तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर सलाह लें। कोरोना वायरस संक्रमण की जांच और चिकित्सा सरकार की ओर से नि:शुल्क करायी जा रही है।

वहीं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह एवं सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस आपदा से निपटने के लिए गठित टीम-11 के साथ दैनिक बैठक करते हुए प्रदेश में आपदा की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी को आवश्यक बताते हुए जनसुविधाओं का समुचित ध्यान रखने के लिए निर्देश दिया है।

L1, L2, L3 कोविड अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई

प्रधानमंत्री से बैठक के बाद सीएम ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में 1 मई से खाद्यान्न का पुनः वितरण होगा। सीएम का आदेश है कि प्रदेश में L1, L2, L3 कोविड अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई जाए। PPE किट, मास्क आदि जिलों में पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि जनपदों में 15 से 20000 क्षमता वाले क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा से अब तक 328 बसों से 9992 मजदूर यूपी लाए गए हैं। इनका मेडिकल टेस्ट हो चुका है. इन्हें 349 बसों से गृह जनपद भेजा जा रहा है. सभी हरियाणा से आए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 12,200 श्रमिक वापस आए हैं।

उन्होंने कहा कि वहीं प्रयागराज में फंसे छात्र-छात्राएं, जिनकी संख्या लगभग 9000 हैं, इन्हें 300 बसें लगाकर इन्हें गृह जनपद पहुंचाने का आदेश हुआ है। डीएम और एसएसपी को आदेश जारी हो गए हैं।

टीचरों को कोरोना वॉरियर बनाया जाए

उन्होंने बताया कि सीएम ने आज आगरा, लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में लॉक डाउन की समीक्षा की और नोडल अफसरों से जानकारी ली। उन्होंने कहा है कि मेडिकल इंफेक्शन बढ़ने न दिया जाए। हॉटस्पॉट में होम डिलिवरी की सुरक्षा मजबूत रहे। सीएम ने कहा कि हमारे प्रदेश में मृत्यु दर और कोरोना वृद्धि दर काफी कम है। डिग्री कॉलेजों से लेकर बेसिक शिक्षा तक टीचरों को कोरोना वॉरियर बनाया जाए, ट्रेनिंग कराई जाए। बैंकों में भीड़ कम करने का प्रयास किया जाए। मंडियों में भीड़ न बढ़ने न दी जाए, गांवों में वैकल्पिक मंडी खोली जाए।

सीएम ने कहा कि यूपी में हज़ारों की संख्या में औद्योगिक इकाई चालू हैं। चीनी मिलें भी काम कर रही हैं। कुल 119 चीनी मिलों में से 32 का काम पूरा हुआ। यूपीडा में 5000 से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। वहीं, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, शहरी विकास विभाग के काम भी आरम्भ हो गए हैं।

दूसरी ओर योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में हैंड सैनिटाइजर बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता स्थगित कर दी गई है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने ये निर्णय लिया है। अब मेडिकल स्टोर के अलावा जनरल स्टोर और अन्य दुकानों पर भी सैनेटाइजर बेचे जा सकेंगे।

प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनीता सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। ये आदेश 30 जून तक प्रभावी रहेंगे। इसके अलावा स्थानीय औषधि निरीक्षक आवश्यकता पड़ने पर जांच कर सकेगा और निर्धारित मूल्य पर ही सैनेटाइजर बेचे जाएंगे।

आदेशों में कहा गया है कि कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए प्रदेश में 30 जून तक औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के शेड्यूल-के (12) और सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत हैंड सैनिटाइजर के खुदरा विक्रय के लिए औषधि विक्रय लाइसेंस की अनिवार्यता को तत्काल प्रभाव से शिथिल करते हुए मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर आदि के माध्यम से बिक्री की अनुमति दी जाती है।

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