यूपी में दिमागी बुखार का कहर, अब तक 20 ने दम तोड़ा

acr468-55f1ca5934f8410bdn1दिमागी बुखार से बृहस्पतिवार को भी तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। तीनों मरीज डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थी। अब तक मरने वालों की संख्या 20 पहुंच गई है। वहीं सिविल, बलरामपुर और लोहिया अस्पताल में 100 से अधिक बच्चे डेंगू, जापानी इंसफेलाइटिस और एईएस की चपेट में आकर जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे हैं। बृहस्पतिवार को दिमागी बुखार से मरने वालों में एक बच्चा राजधानी के गोसाईगंज इलाके का है।

दिमागी बुखर का कहर थम नहीं रहा है। अन्य जनपदों के अलावा राजधानी के बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए हैं। गोसाईगंज के कपिल (2) ने लोहिया अस्पताल में दिमागी बुखार के कारण दम तोड़ दिया। वहीं बहराइच की महरूननिशां (65) और तब्बसुम निशां� (22) भी दिमागी बुखार से मौत हो गई। इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल में हरीनाथ (22) और मोहित (5) बहराइच, कृष्णा (26), सत्येंद्र (38) और प्रदीप (30) को भर्ती कराया गया है।

इसके अलावा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित दो नए बच्चे भी वहां भर्ती कराए गए हैं। हिमेश� (7) रायबरेली और लक्ष्य (5) सीतापुर को एईएस के कारण भर्ती कराया गया है।

 

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि एईस पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़कर अब नौ हो गई है। सभी का इलाज जारी है। इसके अलावा टिकैत नगर के मनोज को जापानी इंसेफेलाइटिस के� कारण भर्ती कराया गया है।

राजधानी के अस्पतालों में बुखार, दिमागी बुखार, जेई और एईएस के मरीज बढ़ते जा रहे है लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपने आंकड़ों पर डटा हुआ है। बृहस्पतिवार को सीएमओ डॉ. एसएनएस यादव जो आंकड़े जारी किए उसके अनुसार लखनऊ में अभी तक डेंगू के 20 मरीज सामने आए हैं लेकिन मौत किसी की नहीं हुई है।

जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों की संख्या उनके हिसाब से दो है, उन्होंने मौत की किसी की नहीं दर्शायी है। इसी तरह एईएस के चार मरीज और एक मौत की पुष्टि सीएमओ कर रहे हैं। जबकि असली आंकड़े कुछ और स्थिति बयां कर रहे हैं।

 

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