यहां रहने वाली महिलाएं कभी नहीं पहनतीं ब्लाउज, जानें क्या है वजह

आज हम आपको भारत के उस शहर के बारे में बता रहे हैं, जहां पर महिलाओं ने जिंदगी में कभी भी ब्लाउज नहीं पहना है और वो इस प्रथा को सदियों से निभाती आ रही हैं। सुनकर शायद आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये बात बिल्कुल सच है।

अगर ऐसा हो कि आपको बिना ब्लाउज के साड़ी पहननी पड़े तो आपको कैसा लगेगा। शायद ऐसा हो सकता है कि आप साड़ी पहनेंगी ही नहीं। आज के समय में महिलाएं साड़ी से ज्यादा ब्लाउज के डिजाइन पर ध्यान देती हैं। अब किसी महिला से कहा जाए कि वो बिना ब्लाउज के साड़ी पहनेगी तो ऐसा होना बिल्कुल भी नामुमकिन है। आज के समय में साड़ी से ज्यादा महिलाओं को ब्लाउज पसंद आता है। ब्लाउज में तरह-तरह के नए-नए डिजाइन करके वो अलग तरकी से पहनती हैं। साड़ी की खूबसूरती को बढ़ाने में ब्लाउज की बहुत अहम भूमिका होती है, क्योंकि कई बार क्या होता है कि साड़ी बिल्कुल सिंपल होती है और उसका डिजाइन कुछ भी खास नहीं होता है, लेकिन डिजाइनदार ब्लाउज उस सिंपल सी साड़ी में जान डाल देता है। इस तरीके से महिलाएं उस सिंपल साड़ी को डिजाइनदार ब्लाउज के साथ पहनकर काफी ज्यादा खूबसूरत लग सकती हैं। लेकिन आज हम आपको भारत के उस शहर के बारे में बता रहे हैं, जहां पर महिलाओं ने जिंदगी में कभी भी ब्लाउज नहीं पहना है और वो इस प्रथा को सदियों से निभाती आ रही हैं। सुनकर शायद आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये बात बिल्कुल सच है।

छत्तीसगढ़ की महिलाएं मानती हैं परंपरा

भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाएं एक सदियों पुरानी परंपरा को मानते हुए कभी भी ब्लाउज नहीं पहनती हैं। ये महिलाएं न तो खुद ब्लाउज पहनती हैं और न ही किसी और को पहनने देती हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं इस परंपरा को शुरू से ही निभा रह हैं। अगर कोई महिला साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने की कोशिश भी करती है तो उसे बाहर कर दिया जाता है और कड़ी सजा दी जाती है। पिछले कुछ समय में ये पता चला था कि यहां कि कुछ महिलाओं ने ब्लाउज पहनना शुरू किया था तो गांव के लोगों ने उन पर परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया था।

एक हजार वर्षों पुरानी है सभ्यता

जहां लोग समय के साथ कितना ज्यादा बदलते जा रहे हैं, लेकिन ये लोग आज भी सदियों पुरानी सभ्यता को निभाते आ रहे हैं। बताया जाता है कि बिना ब्लाउज के साड़ी पहनने की परंपरा को गातीमार कहा जाता है। यहां के लोग पिछले 1 हजार से ज्यादा वर्षों से इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं।

काम करने में होती है आसानी

वहां की महिलाएं बताती हैं कि बिना ब्लाउज के साड़ी पहनकर वो आसानी से घरेलू और बाहर के कार्य कर लेती हैं। इससे खेत में ठीक से काम कर लेती हैं और अधिक वजन भी उठा लेती हैं। वहीं जंगलों की कुछ महिलाएं गर्मी के कारण ब्लाउज नहीं पहनती हैं, क्योंकि इससे उन्हें गर्मियों के मौसम में बहुत राहत मिलती है।

आज बन रहा है स्टाइल

आज के समय में ये पुरानी परंपरा महिलाओं के लिए स्टाइल बनती जा रही है। महिलाओं के लिए बिना ब्लाउज साड़ी पहनना फैशन का हिस्सा बनता जा रहा है। देश और दुनिया की कुछ मॉडल्स ने बिना ब्लाउज साड़ी पहनकर मॉडलिंग भी की है।

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