मोदी के नेतृत्व में भारत ने चीन, अमेरिका को पीछे छोड़ा

make-in-india-560087570758d_exlstमेक इंडिया इंडिया अभियान के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने की मोदी सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। वर्ष 2015 की पहली छमाही में भारत ने एफडीआई के मामले में चीन और अमेरिका जैसे दिग्गजों को भी पछाड़ा दिया है।

फाइनेंशियल टाइम्स लंदन की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2015 की पहली छमाही में भारत ने 31 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया। वहीं भारत के मुकाबले इसी समान अवधि में चीन में 28 और अमेरिका में 27 अरब डॉलर का एफडीआई आया।

बीते साल जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तभी से उसे विदेशी निवेश और निवेशकों को भारत में लाने के लिए कई कदम उठाए थे।

सरकार से जहां सुधारों के लिए तेजी से कदम बढ़ाने की मांग हो रही है वहीं सरकार ने भी मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से निवेशकों को लुभाने की कोशिश की है।

फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में सरकार को अभी और कदम उठाने की जरुरत है। निवेशक चाहते हैं कि श्रम कानून, कर नीति और भूमि अधिग्रहण जैसे कानून लचीले हों ताकि उन्हें यहां निवेश करने के लिए अनूकूल माहौल मिल सके।

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि चीन की मंदी का लाभ भारत को मिलेगा। सरकार को भी इस वित्तीय वर्ष में 8 फीसदी विकास दर रहने की आशा है।

फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार बीते कुछ वर्षों में निवेश मामलों में चीन और अमेरिका के बीच खासा मुकाबला था। रिपोर्ट के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष में एफडीआई निवेश के मामले में भारत चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और मेक्सिको के बाद पांचवे स्थान पर था।

 

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