चुनाव की तारीख करीब आते ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपने असली रंग दिखाना शुरू

चुनाव की तारीख करीब आते ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपने असली रंग दिखाना शुरूचुनाव की तारीख करीब आते ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपने असली रंग दिखाना शुरू कर दिए हैं. विकास की राजनीति का दावा करने वाली बीजेपी अब तीन तलाक और मंदिर जैसे मुद्दे उठाकर अपने हिंदूवादी एजेंडे की तरफ लौटती दिख रही है तो दलितों की राजनीति करने वाली मायावती ने आज खुलेआम मुस्लिमों से उनके लिए वोट करने को कहा.

मायावती ने कहा, ”प्रदेश के अल्पसंख्यक समाज के लोग अपना जो भी वोट सपा के उम्मीदवारों को देते हैं तो फिर उनका ये वोट पूरी तरह से न केवल बेकार चला जाएगा बल्कि इसका सीधा फायदा यहां बीजेपी को पहुंच सकता है इसलिए अपने इस होने वाले नुकसान से बचने के लिए अब प्रदेश के अल्पसंख्यक समाज के लोगों को अपना एकतऱफा वोट सपा को न देकर केवल अपनी एकमात्र हितैषी पार्टी बहुजन समाज पार्टी को देना है.”

क्या है सियासी समीकरण?
उत्तर प्रदेश में कुल 20 फीसदी मुस्लिम वोट हैं. इस बार ये मुस्लिम वोट किस तरफ जाएंगे, इस पर हर पार्टी की नजर है. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी यादव मुस्लिम वोटों को सत्ता की चाभी मानती है. मुस्लिम वोटों का एक हिस्सा कांग्रेस को भी मिलता रहा है. मायावती दलित-मुस्लिम वोटों के बल पर दोबारा यूपी की गद्दी पाना चाहती हैं

मुलायम बोले, अखिलेश ही बनेंगे अगले मुख्यमंत्री

यूपी में मुस्लिम आखिर इतने अहम क्यों?

यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से 143 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं. 2012 में मुस्लिम बहुल 143 सीटों में से समाजवादी पार्टी को 72, बीएसपी को 26, बीजेपी को 26 और कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन को 14 सीटें मिली थीं.

यहां बड़ी बात ये है कि मुस्लिम बहुल सीटें होने के बावजूद मायावती की बीएसपी 26-26 सीटें ही मिलीं. इतनी ही बीजेपी को मिलीं थीं. मुस्लिम वोटों का समाजवादी पाटी, बीएसपी और कांग्रेस में बंटवारा इसकी वजह थी.

इस बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ हैं इसलिए मायावती का डर और बढ़ गया है कि कहीं सारे मुस्लिम वोट एसपी-कांग्रेस गठबंधन को न मिल जाएं. इसीलिए मायावती खुलेआम मुस्लिम वोटों से उनकी पार्टी को वोट देने के लिए कह रही हैं.

इसके लिए उन्होने 97 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है कांग्रेस-एसपी गठबंधन ने भी करीब 100 मुस्लिम उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है, जबकि बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है

IND A vs BAN: बढ़ाई सेलेक्टर्स की मुश्किलें, पांचाल-अय्यर-शंकर के शतक ने

हालांकि इसके बावजूद एबीपी न्यूज लोकनीति सीएसडीएस सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 74 प्रतिशत मुस्लिम समाजवादी पार्टी के साथ हैं जबकि बीएसपी और बीजेपी दोनो के साथ 11 फीसदी मुस्लिम हैं. ऐसा होता है तो मायावती की मुश्किल बढ़ना तय है इसीलिए मायावती अब खुलेआम सारे मुसलमानों का वोट मांग रही हैं.

 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button