मुलायम बोले- भगवान राम तो हमारे आदर्श है, लेकिन पूरे देश में पूजे जाते हैं कृष्ण

राजनीतिक पार्टियां हिंदू देवताओं की मूर्तियों के निर्माण की होड़ में लगी हुई हैं। जहां एक ओर यूपी सरकार अयोध्या में सरयू किनारे भगवान राम की मूर्ति बनवाने जा रही है तो वहीं अखिलेश यादव सैफई में कृष्ण की सबसे बड़ी मूर्ति बनवा रहे हैं। इन सबके साथ ही समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने एक नया राग छेड़ दिया है।
मुलायम बोले- भगवान राम तो हमारे आदर्श है, लेकिन पूरे देश में पूजे जाते हैं कृष्णमुलायम सिंह यादव ने एक शादी समारोह में एक ओर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला वहीं उन्होंने एक विवादित टिप्पणी भी कर दी। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि कृष्ण पूरे देश में पूजे जाते हैं जबकि भगवान राम सिर्फ उत्तर भारत में।

मुलायम सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शासन कर रही बीजेपी सरकार सिर्फ धर्म की राजनीति को ही बढ़ावा दे रही है। चाहें बात अयोध्या के राम मंदिर की हो या वहां दीपोत्सव मनाए जाने की।

उन्होंने कहा कि “आप दक्षिण में चले जाइए, भगवान कृष्ण का जितना सम्मान वहां है उतना कहीं नहीं है। ठीक है हमारे आदर्श हैं राम जी, लेकिन स्वीकार करना पड़ेगा की हिन्दुस्तान के बाहर कृष्ण का नाम है और हिन्दुस्तान में उत्तर भारत में लोग राम को आदर्श माना जाता है।”

सपा सरकार के शासन के कसीदे पढ़ते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रत्येक समुदाय के के लिए विकास योजनाएं चलाई गईं। मुलायम ने कहा कि कृष्ण यादव समाज के वंशज हैं। जैसे उन्होंने हर समुदाय को एक समान माना उसी तरह से समाजवादी पार्टी भी देश के हर समुदाय को एक ही दृष्टि से देखती है।

सैफई में बन रही कृष्ण की सबसे बड़ी मूर्ति

दावा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव जो मुरलीधर की मूर्ति बनवा रहे हैं वो सबसे बड़ी है। सैफई स्थित अपने स्कूल में 51 फीट ऊंची और 60 टन वजन की भगवान कृष्ण की मूर्ति बनवा रहे हैं। छह करोड़ 32 लाख रुपये में यह मूर्ति तैयार हो गई है।

रथ पाणी मुद्रा में हैं भगवान कृष्ण
भगवान कृष्ण की मूर्ति को ‘रथ-पाणी’ मुद्रा में दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि भीष्म पितामाह पर क्रोधित होकर कृष्ण शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देते हैं। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र का रूप दिया जाएगा। इससे पूरा महाभारत काल दिखाई देगा।

जापान से मंगवाया गया है स्टील
मूर्ति को बनवाने के लिए स्टील जापान से मंगवाया गया है। इसमें 35 टन तांबा और 25 टन स्टील लगा है। कृष्ण के हाथ स्थित चक्र का वजन करीब सात टन है। इसे पूरा होने में करीब चार महीने लगेंगे। इंजीनियरों का कहना है कि मूर्ति की स्थापना 15 जनवरी को हो जाएगी, लेकिन इसका उद्घाटन स्कूल खुलने के बाद ही किया जाएगा।

अमेरिका के कलाकारों ने दिखाया हुनर
मूर्ति को बनाने के लिए अमेरिका के कलाकारों को बुलाया गया है। इसमें प्राची प्रताप, प्रशांत प्रताप और एडवर्ट ब्रथेट शामिल हैं। इन्हीं तीनों मूर्तिकारों ने जनेश्वर मिश्र पार्क में मौजूद जनेश्वर की मूर्ति को बनाया था। 2012 से ये सभी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं।

मूर्ति को रंगने के लिए दुबई के मो. हसीब को बुलाया गया
मूर्ति को रंगने के लिए दुबई से मो. हसीब को बुलाया गया है। इस पर जहाजों पर किया जाने वाला पेंट किया जाएगा। यह पेंट मौसम-पानी से डल नहीं पड़ता है। चमक बरकरार रहती है। भगवान कृष्ण की मूर्ति के स्ट्रक्चर को नोएडा के सूरजपुर के बिल्डर इमामुद्दीन और रियाज ने वेल्ड किया है। हसीब ने जाने-माने बिजनेस शिप्स पेंट किए हैं, इसमें सउदी अरब का ब्लू शिप ‘कार्गो‘ भी शामिल है।

 
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