मिशन किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के हाथ लगी ये बड़ी सफलता, तीन आतंकवादियों को किया गिरफ्तार

मिशन किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। परिहार बंधुओं की हत्या में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन (एमएच) के तीन आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया है। यही नहीं किश्तवाड़ में अपनी जड़े फैला रहे आतंकी संगठनों को समाप्त करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने अभियान में तेजी लाई है और आने वाले दिनों में इसी तरह की ओर कई बड़ी सफलताएं हाथ लगेंगी।

इस बात की जानकारी आईजीपी जम्मू मुकेश सिंह ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। उन्होंने कहा कि शहर और आसपास इलाकों में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ तलाशी अभियान जारी है। मिशन किश्तवाड़ के तहत सुरक्षाबलों ने 50 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। सिंह ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव 52 वर्षीय अनिल परिहार और उनके भाई 55 वर्षीय अजीत परिहार गत वर्ष एक नवंबर को संदिग्ध आतंकवादियों ने उस समय हत्या कर दी थी जब वे रात करीब आठ बजकर 40 मिनट पर परिहार मोहल्ले में अपने घर की ओर पैदल जा रहे थे। पुलिस व सुरक्षाबलों ने उसी के बाद से आतंकवादियों के खिलाफ अपनी मुहित तेज कर दी थी।

बताया जा रहा है कि इसी साल जुलाई में ठाठरी (डोडा) के निकट फागसू जंगल में एक अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने पांच लाख के इनामी लश्कर आतंकी जमालदीन गुज्जर उर्फ अबु बकर को गिरफ्तार किया था। जमालदीन सितंबर 2017 को आतंकी बना था और किश्तवाड़ में सक्रिय सात मोस्ट वांटेड आतंकियों में एक था। सूत्रों का कहना है कि वह परिहार बंधुओं और आरएसएस नेता चंद्रमोहन शर्मा की हत्या में वह भी शामिल था। उसी से पूछताछ के दौरान इन आतंकवादियों की पहचान की गई।

आइजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि पकड़े गए आतंकियों की पहचान निसार अहमद शेख, निशाद अहमद आैर आजाद के रूप में हुइ है। पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। जल्द ही किश्तवाड़ में पनप रहे आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।

50 से अधिक लोग पूछताछ के लिए हिरासत में लिए

शहर और आसपास इलाकों में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ तलाशी अभियान जारी है। मिशन किश्तवाड़ के तहत सुरक्षाबलों ने 50 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, लेकिन आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को दबोचने के लिए शहर के चार किलोमीटर दायरे में ड्रोन की भी मदद ली है। 36 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए हैं, लेकिन आतंकी ओसामा बिन जावेद, हारून वानी, नावेद शाह व जाहिद हुसैन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। हालांकि कुछ दिनों से सूचना मिल रही है कि आतंकी सुरक्षाबलों के रडार पर हैं और जल्दी ही दबोचे जाएंगे, लेकिन 11 दिन बीत जाने के बाद भी सुरक्षाबलों के हाथ खाली हैं। इस समय किश्तवाड़ के अंदर सिर्फ अफवाहों का ही बाजार गरम है।

कहीं से आतंकियों का सामान बरामद होने तो कहीं से आतंकियों का पता चलने की बात सामने आती है, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि आतंकी भूमिगत हो गए हैं और फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।

उल्लेखनीय है कि गत 11 महीनों में इन आतंकियों ने सरेआम चार बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर एके-47 राइफल, पिस्टल और इंसास राइफल लूट ले गए हैं। ऐसे में लग रहा है कि आतंकी अपने पास हथियार और गोलाबारूद इकट्ठा कर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।

 

आतंकवादियों पर शिकंजा कसने के लिए किश्तवाड़ में ड्रोन का इस्तेमाल

‘मिशन किश्तवाड़’ ने आतंकियों और उनके समर्थकों में खलबली मचा दी है। किश्तवाड़ शहर के चार किलोमीटर के दायरे में छिपे आतंकियों और उनके मददगारों की धरपकड़ के लिए सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान शुक्रवार को ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। यह ड्रोन सुबह से दोपहर तक शहर में मंडराता रहा। पिछले दो दिन में सुरक्षाबल 36 आतंकी मददगारों को पकड़ चुके हैं। इनसे पूछताछ जारी है।

इसके अलावा शहर में 36 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को दबोचने के लिए अलग-अलग जगहों पर ड्रोन छोड़े हैं ताकि कोई सुराग हाथ लगे तो तुरंत कार्रवाई की जा सके। ड्रोन की ऊंचाई इतनी अधिक थी कि आसानी से किसी को नजर नहीं आ रहा था। ड्रोन ने कई इलाकों के ऊपर चक्कर लगाए, लेकिन किसी को पता नहीं चल पाया कि इसे किस एजेंसियों ने छोड़ा है।

गौरतलब है कि गत शुक्रवार को पीडीपी नेता शेख नासिर हुसैन के घर में घुसकर उनके अंगरक्षक की राइफल छीनने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को दबोचने के लिए पूरी तरह चौकन्ना हो गई है।

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