मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति ने फिर लगाई भारत से अगुवाई की गुहार
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति जमील अहमद ने भारत से निवेदन किया है कि वह लोकतंत्र की बहाली के लिए नेतृत्व करें। एएनआई के मुताबिक जमील अहमद ने कहा है कि मालदीव में शांति स्थापित करने के लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अगुवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी राय में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत लीगल मैकेनिज्म का पालन करते हुए भारत को प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मालदीव में स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अब तक किए गए आंतरिक प्रयास विफल हो चुके हैं। जमील अहमद ने कहा कि मालदीव के लोगों ने जरूरी कदम उठाए, कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, संवैधानिक संस्थाओं ने कोशिश की, संसद में विरोध दर्ज किया गया लेकिन सारे प्रयास विफल हो चुके हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मालदीव में इमरजेंसी के एक्सटेंशन पर भारत और अमेरिका ने चिंता जताई थी। भारत ने कहा था कि हम ऐसे किसी कारण को सही नहीं मानते हैं जिससे इमरजेंसी को बढ़ाया जाए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि हम मालदीव के मामले पर नजर बनाए हुए हैं और सरकार से मांग करते हैं कि राजनीतिक कैदियों और चीफ जस्टिस को रिहा करें।
गौर हो कि भारत के इस बयान पर मालदीव ने एतराज जताते हुए कहा था कि भारत हमारे राजनीतिक हालातों के बारे में नहीं जानता हैं और जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहा है। मालदीव ने कहा कि भारत हमारे राजनीतिक हालातों के बारे में अवगत नहीं है और उसका बयान हमारे संविधान और कानून की अनदेखी है।