जंग के लिए तैयार भारत! चीन बॉर्डर पर तैनात किए 50000 जवान, कमांडर बोले-एक गोली चलते ही चीन पर मौत बरसा देंगे

नई दिल्ली: भारत और चीन में किसी भी वक्त युद्ध छिड़ सकता है। भारत ने अपने 50000 सैनिक चीन सीमा पर तैनात कर दिए हैं। भारत ने चीन से सटे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के 1400 किलोमीटर लंबे सिनो-इंडिया बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। सरकार के मुताबिक, देश की पूर्वी सरहद पर फौज के लिए अलर्ट लेवल बढ़ा दिया गया है।

यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है जब बीते एक महीने से भी ज्यादा वक्त से डोकलाम को लेकर भारत का चीन के साथ विवाद चल रहा है। चीन लगातार भारत से पीछे हटने को कह रहा है, जबकि भारत का कहना है कि चीन हमारे इलाके में घुसपैठ कर रहा है। वहां भारत के 350 सैनिक जमे हुए हैं। बता दें कि डोकलाम भारत-चीन-भूटान का ट्रायजंक्शन है। इसी विवाद के बीच आज सुषमा स्वराज ने भूटान के विदेश मंत्री से मुलाकात की थी।

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Q. क्या डोकलाम में भी बढ़ी तैनाती?

A.सरकार के सीनियर अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया, “भारत-चीन-भूटान के ट्राइ जंक्शन डोकलाम में सैनिक नहीं बढ़ाए गए हैं। यहां पहले से ही 350 आर्मी पर्सनल 8 हफ्तों से अपनी पोजिशन पर तैनात हैं। यहां 16 जून को चीन की आर्मी ने सड़क बनाने का काम शुरू किया था।”

Q. क्यों उठाया गया है ये कदम?

A.”डोकलाम विवाद पर भारत के खिलाफ चीन का अग्रेसिव रवैया देखते हुए एहतियातन ये कदम उठाया गया है। ट्रूप्स के बीच भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।”

Q. तैनाती में कितना इजाफा किया गया?

A. “ईस्टर्न इलाके के सिनो-इंडिया बॉर्डर के सेंसिटिव इलाके में सुकना बेस्ड 33 कॉर्प्स, अरुणाचल और आसाम बेस्ड 3-4 कॉर्प्स प्रोटेक्शन की जिम्मेदारी दी गई है।” इस बारे में अफसर ने कोई जानकारी नहीं दी कि कितने सैनिक बढ़ाए गए हैं। अफसर ऑपरेशनल मूव होने के चलते ये जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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Q. अभी कितने सैनिक तैयार हैं?

A. डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, “50 हजार सैनिक माहौल में ढलने के लिए की जाने वाली एक्सरसाइज पूरी कर चुके हैं। इसे एक्लीमेटाइजेशन (पर्यनुकूलन) कहा जाता है। ये ट्रूप्स किसी भी समय तैनात किए जा सकते हैं, लेकिन सभी की तैनाती जरूरी नहीं है।” बता दें कि 9000 फीट की ऊंचाई से ऊपर तैनात होने वाले जवानों को 14 दिन की एक्लीमेटाइजेशन प्रॉसेस से गुजरना होता है।

Q. क्या गोला-बारूद की कमी है?

A.अरुण जेटली ने शुक्रवार को राज्यसभा में उन रिपोर्ट्स को नकार दिया, जिनमें कहा गया था कि भारतीय सेनाओं के पास पर्याप्त मात्रा में गोला बारूद नहीं है। लोकसभा में जेटली ने कहा, “भारतीय सेनाओं के पास पर्याप्त मात्रा में गोलाबारूद है और वे किसी भी घटना का सामना करने के लिए तैयार हैं। ये सवाल मुझसे पहले भी पूछा गया था और मैं केवल अपना जवाब दोहरा रहा हूं। कैग रिपोर्ट में जो सामने आया है,वो केवल निश्चित समय के लिए था। इसके बाद इस दिशा में काफी काम किया गया है, ये लगातार चलने वाली प्रॉसेस है। किसी के मन में कोई शक नहीं होना चाहिए। ना तो हथियारों की उपलब्धता को लेकर और ना ही हमारी सेनाओं की तैयारियों को लेकर।”

Q. डोकलाम पर भूटान का क्या स्टैंड है?

A.भूटान के ऑफिशियल सोर्सेस ने न्यूज एजेंसी से गुरुवार को कहा था- डोकलाम हमारा इलाका है। चीन हमारे इलाके में सड़क बनाने की कोशिश कर रहा है। उधर, शनिवार को BIMSTEC में शिरकत करने गई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटान के फॉरेन मिनिस्टर दामचो दोरजी से मुलाकात की। दोरजी ने कहा, “सिक्किम सेक्टर में डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच चल रहा विवाद शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए।” बता दें कि डोकलाम विवाद शुरू होने के बाद भूटान का ये पहला ऑफिशियल बयान है।

Q. कितनी बार भारत को धमका चुका है चीन?

A. 30 दिन में चीन की तरफ से अलग-अलग जरियों से 8 बार भारत को डाेकलाम में पीछे हटने की धमकी मिल चुकी है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वो डोकलाम से सैनिक नहीं हटाएगा। पीएलए के सीनियर कर्नल ली ली ने 7 अगस्त को कहा था- अगर भारत जंग या झड़प से बचना चाहता है तो उसे डोकलाम से फौरन अपने सैनिक वापस बुला लेना चाहिए। ली ने ये बात उन भारतीय पत्रकारों से कही थी जिन्हें चीनी सरकार ने स्पॉन्सर किया था।

Q. मौजूदा विवाद क्या है?

A.चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा है। डोकलाम के पठार में ही चीन, सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं। भूटान और चीन इस इलाके पर दावा करते हैं। भारत भूटान का साथ देता है। भारत में यह इलाका डोकलाम और चीन में डोंगलाेंग कहलाता है।चीन ने जून की शुरुआत में यह सड़क बनाना शुरू किया। भारत ने विरोध जताया तो चीन ने घुसपैठ कर दी। चीन ने भारत के दो बंकर तोड़ दिए। तभी से तनाव है। दरअसल, सिक्किम का मई 1975 में भारत में विलय हुआ था। चीन पहले तो सिक्किम को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता था। लेकिन 2003 में उसने सिक्किम को भारत के राज्य का दर्जा दे दिया। हालांकि, सिक्किम के कई इलाकों को वह अपना बताता रहा है।

Q. किस समझौते की वजह से है विवाद?

A. विवाद की वजह 1890 का वह समझौता है, जो ब्रिटिश शासन ने चीन के चिंग राजवंश के साथ किया था। उसमें अलग-अलग जगहों पर बॉर्डर दिखाई गई थीं। उसके मुताबिक, एक बड़े हिस्से पर भूटान का कंट्रोल है, जहां भारत का उसे सपोर्ट और मिलिट्री कोऑपरेशन हासिल है। इसी समझौते के हिस्से में आने वाले डोकलाम के पठार पर भारत और चीन के जवान शून्य डिग्री से नीचे के तापमान में तैनात हैं। ये तैनाती नॉर्मल नहीं है। दोनों देश सैनिकों की वापसी पर अड़ गए हैं।

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