बहुत ही जल्द 50 करोड़ मोबाइल नंबर होने वाले है बंद, ऐसे जाने कही आप का भी तो नहीं है

यदि आपने सिर्फ आधारवेरिफिकेशन के जरिए ही सिम लिया है तो नया पहचान पत्र ना देने की स्थिति में आपका नंबर डिस्कनेकट हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से 50 करोड़ मोबाइल फोन के केवाईसी प्रक्रिया टेलिकॉम कंपनियों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, इस मुद्दे पर सरकार में उच्चतम स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। अगर बड़ी तादाद में मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट हुए तो इसका लोगों पर बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि, अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि सरकार नए वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरी करने के लिए पर्याप्त समय देगी। 

बुधवार को टेलिकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदराराजन ने मोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और मामले का हल निकालने की कोशिश की गई। उधर, टेलिकॉम विभाग ने भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मुद्दे पर चर्चा की। सुंदराराजन ने अखबार से बातचीत में कहा कि सरकार को लोगों की चिंताओं के बारे में पता है और इस मुद्दे पर जल्द से जल्द रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। उनके मुताबिक, मोबाइल ग्राहकों को किसी तरह की समस्या न हो। बता दें कि आधार कार्ड वेरिफिकेशन के जरिए सिम कार्ड लेने वालों की एक बड़ी संख्या रिलायंस जियो ग्राहकों की है।

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भारतीय मोबाइल बाजार में जियो सबसे नया खिलाड़ी है। सितंबर 2016 में अपनी सेवाएं शुरू करने वाला जियो ने अपने ग्राहकों का वेरिफिकेशन बायोमेट्रिक तरीके से ही किया है। जियो ने बुधवार को ही जानकारी दी कि सितंबर के आखिर तक कंपनी के ग्राहकों की संख्या 25 करोड़ को पार कर चुकी है। जियो ही नहीं, बाकी कंपनियों मसलन- भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल और एमटीएनएल आदि के ग्राहकों का बड़ा हिस्सा आधार वेरिफिकेशन वाले कस्टमरों का है। मोबाइल कंपनियों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर टेलिकॉम विभाग की ओर से निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

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