बजट 2017: में जीएसटी लागू होने से पहले सरकार कर सकती है ये बड़ी घोषणा

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सेवा कर की दर 18 फीसदी प्रस्तावित है। हालांकि, यह अभी 15 फीसदी है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सरकार इस साल बजट में ही सेवाकर की दर तीन फीसदी बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है। इससे जीएसटी लागू होने पर सेवाकर की दर ज्यादा बढ़ी हुई नहीं लगेगी।सेवा कर बैंकिंग, बीमा, परिवहन, पर्यटन और रेस्तरां में खाने और मोबाइल बिल और अन्य पर लगता है।

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सेवा कर को जीएसटी में 18 फीसदी कर श्रेणी में लाने के प्रस्ताव पर सरकार को पहले ही काफी विरोध का सामना करना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक विशेषज्ञों ने बीमा और टेलीकॉम पर सेवा कर की दर जीएसटी में 12 फीसदी रखने की सुझाव दिया था जिससे उपभोक्ताओं पर कम बोझ पड़े। लेकिन केंद्र सरकार ने अलग-अलग दरों को लेकर ऊहापोह बढ़ने का हवाला देकर सभी सेवाओं को 18 फीसदी की श्रेणी में रखने को व्यावहारिक बताया।

सेवा कर मोबाइल और बिजली-पानी के बिल सहित डीटीएच, बैंकिंग, बीमा, परिवहन और पर्यटन जैसी सेवाओं एवं रेस्तरां में खाने के बिल पर लगता है।

यदि सरकार बजट में सेवाकर तीन फीसदी बढ़ा देती है तो वह 1 अप्रैल से लागू होगा। जबकि जीएसटी के 1 जुलाई से लागू होने की संभावना है। ऐसे में उपभोक्ताओं को सेवा कर का बोझ 3 माह पहले से ही उठाना पड़ेगा।

जीएसटी के 1 जुलाई से लागू होने की संभावना के मद्देनजर उद्योग जगत बजट में सेवा कर की दर में वृद्धि की आशंका को व्यावहारिक कदम नहीं बता रहा है।

सरकार ने 22 जनवरी को ऑनलाइन पर्यटन सेवा देने वाले टूर ऑपरेटरों पर सेवा कर की दर बढ़ा दिया। अब उनके द्वारा दिए गए बिल के 60 फीसदी हिस्से पर सेवा कर लगेगा। जबकि पहले यह 10 से 25 फीसदी हिस्से पर लगता था। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे सेवाएं महंगी हो जाएंगी और वह विदेशी सेवा प्रदाताओं का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।

 
 
 
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