पुलिसवालों को मारो लेकिन आत्महत्या मत करो

hardik-on-stage_650x400_41440486311अहमदाबाद, 4 अक्‍टूबर. गुजरात में पटेल अथवा पाटीदार समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलनरत पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल शनिवार को एक विवादास्पद बयान देकर फंस गये। उन्‍होंने युवकों को सलाह दी कि आत्महत्या करने के बजाए पुलिसकर्मियों को मार दें। वहीं, राज्य के पुलिस महानिदेशक पी सी ठाकुर ने इसे राष्ट्रविरोधी और समाजविरोधी बयान करार देते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच कराने की बात कही है।

हार्दिक ने सूरत में स्थानीय युवक विपुल देसाई से बात करते हुए कहा, ‘अगर आपके पास इतना साहस है तो जाइए और कुछ पुलिसकर्मियों को मार डालिए।’ देसाई ने घोषणा की थी कि आंदोलन के समर्थन में वह आत्महत्या कर लेंगे।

हालांकि, हार्दिक ने पहले इसे अपना निजी बयान बताया और बाद में इससे मुकरते हुए कहा कि उन्होंने ऎसा कोई बयान ही नहीं दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो गए वीडियो क्लिप को उन्होंने पटेल आंदोलन को तोड़ने की साजिश करार दिया।

हार्दिक शनिवार को देसाई के घर पहुंचे, जिनके साथ स्थानीय खबरिया चैनल की एक टीम भी थी, जिसने इस वार्तालाप को प्रसारित किया। देसाई ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि हार्दिक ने उन्हें सलाह दी कि खुदकुशी नहीं करें। देसाई ने कहा, ‘उन्होंने मुझे सलाह दी कि हम पटेलों के बेटे हैं और आत्महत्या के बारे में सोचने के बजाए हमे दो..तीन पुलिसकर्मियों को मार देना चाहिए।’ सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के समन्वयक लालजी पटेल ने खुद को हार्दिक की सलाह से अलग रखा है।

ओबीसी श्रेणी में पटेलों को आरक्षण देने के लिए सबसे पहले लालजी पटेल ने ही आंदोलन शुरू किया था। लालजी ने कहा, ‘हमारा आंदोलन गांधीवादी तरीके से चल रहा है इसलिए हमें किसी को मारने के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। उनका यह बयान ठीक नहीं है। हमें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो समाज में वर्ग संघर्ष को बढ़ावा दे।’ लालजी ने कहा, ‘उन्हें विवेकपूर्ण बयान देना चाहिए। चूंकि उन्हें पटेल समुदाय का नेता स्वीकार किया गया है इसलिए इस तरह के बयान से हमारे हित को नुकसान हो सकता है।’ बाद में हार्दिक ने इस तरह की सलाह से इंकार किया।

उन्होंने कहा, ‘पुलिसकर्मियों को मारने की कोई सलाह मैंने नहीं दी। यह लोगों को भ्रमित करने का प्रयास है। अगर मैं किसी भी वीडियो या ऑडियो में इस तरह का बयान देते देखा गया हूं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’

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