पद्मावती विवाद मामला : भंसाली पर केस चलेगा या नहीं कोर्ट आज करेगी तय

जयपुर। जयपुर की एक कोर्ट गुरुवार को फैसला सुना सकती है कि पद्मावती फिल्म की कास्ट के खिलाफ मामला चलाया जा सकता है कि नहीं। याचिकाकर्ता का कहना है कि पद्मावती फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने फिल्म बनाने के लिए जानबूझकर ऐसा विषय चुना जिससे समस्याएं पैदा हों। इस मामले में कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई थी। जानिए और इस बारे में ….

– जयपुर की एसीएमएम कोर्ट-16 में बुधवार को परिवादी जयपुर के दुर्गापुरा निवासी भवानी शंकर की ओर से बहस की गई। जज श्वेता ढाका ने बहस सुनकर परिवाद पर गुरुवार को फैसला देना तय किया।

– इस मामले में संजय लीला भंसाली, दीपिका पादुकोण, अभिनेता रणवीरसिंह, शाहिद कपूर, अदिति राव हैदरी, सेंसर बोर्ड सहित 11 को पक्षकार बनाया गया है।

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई
– प्ली में कहा गया है कि पद्मावती को एक समाज की ओर से आस्था के रूप में पूजा जाता है। इसके बावजूद पैसा कमाने की नियत से इतिहास एवं संस्कृति को तोड़-मरोड़कर फिल्म का निर्माण कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई।

– फिल्म के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस कारण विदेशी पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है। अराजकता का माहौल होने से देश की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। आरोपियों ने फिल्म को सेंसर बोर्ड भेजने से पहले ही रिलीज करने की तारीख तय कर दी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की।

किसने दायर की है प्ली, क्या कहा है
– अतिरिक्त जिला जज 16 श्वेता ढाका की कोर्ट में यह प्ली भवानी शंकर शर्मा (42) ने पेश की है। अपनी प्ली में उन्होंने कहा है कि फिल्मकारों और सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की।

वकील का यह कहना है, बुधवार को यह हुआ था
– शर्मा के वकील फरीद खान के अनुसार कोर्ट ने पूछा कि इस फिल्म से शिकायतकर्ता की भावनाएं कैसे आहत हुई थीं। इस पर हमने कोर्ट को बताया कि यह फिल्म केवल राजपूत समाज की भावनाओं को ही आहत नहीं करती बल्कि यह भारती इतिहास का मामला है। और अगर इस मामलें और भी याचिकाएं हैं तो मरेे क्लाइंट को भी अपनी शिकायत करने का हक है।
– इस मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। जज श्वेता ढाका ने क्षेत्राधिकार का प्रश्न उठाया साथ ही कहा कि आपने यह फिल्म देखी नहीं फिर भी कैसे आपत्ति है। इस पर पर याचिकाकर्ता ने कहा कि हमने टीवी व अखबारों में इस बारे में पढ़ा है। इस फिल्म से भारत की छवि धूमिल हुई है। इससे पर्यटन को भी नुकसान हो सकता है। इस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

उल्लेखनीय है कि इस साल के शुरू में शूटिंग शुरू होने के साथ ही यह फिल्म विवादों में है। सबसे पहले राजस्थान की श्री राजपूत करणी सेना ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था, इसके बाद प्रदर्शनों व विरोध का सिलसिला अभ तक थमने का नाम नहीं ले रहा।

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यहां तक की हरियाणा के एक भाजपा नेता ने तो इस फिल्म के निर्देश भंसाली सहित इसके एक्टर्स का सिर कलम करने पर इनाम तक की बात कह दी थी।

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