पंडित दीनदयाल के जयंती समारोह में थिरकी डांसर

dance-programme-560617168cd13_exlstपंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम डांसर्स जमकर थिरकीं और लोग मस्ती में झूमे। कार्यक्रम में सांसद को बतौर मुख्यातिथि बुलाया गया था और उनके जाते ही कार्यक्रम डांस प्रोग्राम में बदल गया। लोगों की मांग पर रागिनी कलाकार मंच पर जमकर थिरकीं।

हालांकि मंच आयोजक ऐसा करने से मना करते रहे, लेकिन कलाकार मानी नहीं और करीब दो मिनट तक यह डांस कार्यक्रम चला और लोग झूमते रहे। बेशक कार्यक्रम राष्ट्रीयता को समर्पित था, लेकिन देखते ही देखते यह मनोरंजक कार्यक्रम में बदल गया। उसके बाद कार्यक्रम में अफरातफरी मच गई और आयोजकों ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा कर दी।

बाद में सभी कलाकारों को पुलिस सुरक्षा में सिविल लाइन चौकी लाया गया, जहां से उन्हें पेमेंट देकर भेज दिया गया। इस समय तक सांसद रमेश कौशिक और अन्य बड़े नेता जा चुके थे। कार्यक्रम हरियाणा के जींद में आयोजित किया गया था।

 

कार्यक्रम में लोक गायिका सपना के आने की सूचना पर सैनी रामलीला मैदान में हजारों की भीड़ जुट गई। लोगों को बैठने की जगह नहीं मिलने पर अव्यवस्था फैल गई। इस पर शहर थाना प्रभारी तेजवीर सिंह ने मंच से ही घोषणा की कि दर्शक उन्हें पहले वाली पुलिस नहीं बनाएं। व्यवस्था बनाए रखें नहीं तो थपड़म-थपड़ा होना पड़ेगा।

लेकिन थाना प्रभारी की चेतावनी का दर्शकों पर कोई असर नहीं हुआ। व्यवस्था को धता बताते हुए दर्शकों ने करीब 80 कुर्सियां तोड़ डालीं। इस दौरान दर्शकों में से किसी ने ईंट भीं फेंकी, जो थाना प्रभारी के पैर में लगी। हालांकि, इस संबंध में कोई शिकायत नहीं दी गई है।

जाम में फंसी एंबुलेंस
कार्यक्रम समाप्त होते ही हजारों की भीड़ सैनी रामलीला मैदान से बाहर निकल कर आ गई। इसी दौरान पटियाला चौक की ओर जा रही एक एंबुलेंस भी जाम में फंस गई, जिसमें मरीज भी था। एंबुलेंस को यहां से निकलने में आधा घंटा लगा।

 

दरअसल, हरियाणा के जींद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सांसद रमेश कौशिक को बतौर मुख्यातिथि बुलाया गया। इस मौके पर उन्होंने पंडित जी की शान में कई बातें कहीं, लेकिन शर्मनाक ये रहा कि कार्यक्रम में उनके जाते ही नाच गाना शुरू हो गया।

सांसद रमेश कौशिक ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सच्चे राष्ट्रवादी थे। राष्ट्रहित की सोच रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनके विचारों का समर्थन करता हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 99 वीं जयंती पर सैनी रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।

सांसद ने कहा कि दीनदयाल सिर्फ एक राजनेता नहीं थे वे एक पत्रकार, लेखक, संगठनकर्ता, इतिहासकार, अर्थशास्त्री और भाषा के विद्वान थे। उनके चिंतन में भारतीय एकता की विचारधारा थी। अपनी स्वाध्याय की आदत प्रखर बौद्धिक चेतना और समर्पण के संदेश से उनके साथ रहने वाले लोगों पर काफी प्रभाव छोड़ा।

उन्होंने राजनीति में आदर्श मूल्यों की स्थापना का हमेशा समर्थन किया। भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश पहल ने कहा कि उपाध्याय ने अपना पूरा जीवन लेखन में लगा दिया। सही मायने मे वे एक राजनेता से ज्यादा संवेदनशील मनुष्य थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button