नवरात्रि में भूल कर भी ना करे ये चूक, वरना रह जायेगे मां के आशीर्वाद से वंचित

शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ आज से हो चुके हैं। बुधवार,10 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव में हर स्थान पर माता के जयकारे गूंजेंगे फिर चाहे वह माता का मंदिर हो या घर। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि आरंभ हो गया है। ऐसे में शक्ति साधना में कुछ खास तरह की सामग्री की आवश्कता होती है जिनके बगैर माता की आराधना करने पर आपको पूरा फल नहीं मिल पाता है। तो आइए जानते है क्या है पूजा में इस्तेमाल होने वाली जरूरी सामग्री।

नवरात्रि के पहेले दिन कलश की करे स्थापना

शक्ति साधना के पहले दिन कलश की स्थापना और माता के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री के पूजा की जाएगी। कलश स्थापना में मिट्टी या सोने-चांदी का घड़ा, जटाधारी नारियल, कलावा, रोली, कपूर, सुपारी,आम के पत्ते, बतासेऔर माला-फूल की जरूरत होती है।

मां की चुनरी

माता को लाल रंग अत्यंत प्रिय है इसलिए माता की पूजा में चौकी पर बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा होना और माता की लाल रंग की चुनरी होना बेहद अवयशक  है साथ ही ये दोनों वस्त्र नए होने चाहिए। इसके अलावा माता को चढ़ाने के लिए सुहाग का सारा सामान होना चाहिए।

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अखंड ज्योति की सामग्री

शक्ति साधना के 9 दिनों में अखंड ज्योति का विशेष महत्व होता है। ऐसे में अगर आपने अखंड ज्तोति जलाने का संकल्प लिया है इसके लिए शुद्ध देसी घी, मिट्टी या पीतल के दीपक को पहले से ही तैयार कर लेना चाहिए।

हवन सामग्री

शक्ति साधना में हर दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने पर मातारानी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। शक्ति साधना के 9 दिन हवन के लिए हवन कुंड, आम की सूखी लकड़ी, कपूर, सुपारी, पंचमेवा  और चावल जैसी सामग्रियों की जरूरत होगी।

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