‘द्रौपदी’ इस कुएं के पानी से करती थी स्नान, यहाँ आज भी मौजूद हैं ये अमृत कुआं

महाभारत का जिक्र हो और हस्तिनापुर का नाम न आए, ऐसा नहीं हो सकता। जी हां, हस्तिनापुर कौरवों की राजधानी थी। यही नहीं बल्कि इसे धर्मनगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल देश-विदेशों से लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। आइए आज हम आपको द्रौपदी के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जिन्हें जानकर आपको भी हैरानी होगी।'द्रौपदी' इस कुएं के पानी से करती थी स्नान, यहाँ आज भी मौजूद हैं ये अमृत कुआं

ये जानने से पहले आपको बता दें कि महाभारतकालीन पांडव टीला और दूसरे ऐतिहासिक स्थल आज भी क्रांतिधरा मेरठ में मौजूद है। हस्तिनापुर में पांडव टीले पर एक कुआं बना है, जिसके बारे में एक ऐसी सच्चाई बताई जाती है। जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। तो आइए अगली स्लाइड में जानते हैं कि आखिर क्या है वह सच्चाई…!

ऐसा बताया जाता है कि इस कुएं के पानी से ही द्रोपदी और पांडव स्नान करते थे। कौरवों की राजधानी हस्तिनापुर से जुड़ी और भी कई ऐसी जानकारियां हैं, जिन्हें आज हम आपको आगे की स्लाइडों में बताएंगे।

1857 की महासंग्राम क्रांति के लिए तो मेरठ फेमस है ही लेकिन, इसके अलावा मेरठ जनपद और भी कई ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। जैसै- कौरवों की राजधानी हस्तिनापुर, सरधना का ऐतिहासिक चर्च, औघड़नाथ मंदिर और शहीद स्मारक आदि मौजूद है।

बताया जाता है कि यहां एक टीले पर आज भी वो कुआं मौजूद है, जिसके पानी से पांडव व द्रौपदी स्नान करते थे। दिलचस्प बात यह है कि इस कुएं को देखने देश नहीं बल्कि विदेशों से पर्यटक यहां आते हैं।

वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि पांडव टीले पर बने इस कुएं को लोग अमृत कुएं के नाम से जानते हैं। इस कुएं का जीर्णोद्वार कराया गया है, इसका निचला हिस्सा लाखौरी ईंटों से बना है।

वहीं पुरातत्व विभाग ने इस स्थान को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। इस टीले तक पहुंचने के लिए पाण्डेश्वर महादेव मंदिर से रास्ता गया है। इसी रास्ते से पैदल चलकर यहां तक पहुंचा जा सकता है।

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