दोस्ती का दम भरने वाले अमेरिका ने भारत के पीठ में भोका छूरा, और इस बड़े राज से उठा दिया पर्दा

भारत-पाकिस्तान संबंधो पर सारी दुनिया की नज़र होती है. दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी इन दोनों देशों के आपसी संबंधो को लेकर बहुत चतुराई से चलता है. कभी पाकिस्तान का दोस्त रहा अमेरिका अब भारत का अच्छा साझेदार बन चुका है.

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अब जब की भारत से अमेरिका के दोस्ताना संबंध है तो ऐसे में भारत भी चाहता है कि अमेरिका उसका साथ दे. अमेरिका भी जानता है कि बिना भारत का साथ दिये वो एशिया में अकेला पड़ सकता है.
भारत अमेरिका के अच्छे रिश्तों के बीच अमेरिका के शीर्ष अधिकारी और रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट स्टीवर्ट ने भारत को लेकर एक बड़ा खुलासा कर दिया है.

अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी और रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट स्टीवर्ट ने सीनेट की ताकतवर सशस्त्र समिति को विश्वव्यापी खतरों पर हुई सुनवाई के दौरान भारत को लेकर एक बड़ा खुलासा कर दिया.

खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट स्टीवर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को राजनयिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में बढ़ने के साथ ही भारत सीमा पार से जारी आतंकवाद को उसके कथित समर्थन को लेकर पड़ोसी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.

स्टीवर्ट का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी ठिकानों पर ‘दंडात्मक सैन्य हमला’ किया था, जिससे उसकी कुछ चौकियां ध्वस्त हो गई. इस बयान के बाद पाकिस्तान पर भी दबाव बढ़ेगा और हो सकता है ऐसे में वो भारत के खिलाफ कोई साजिश करे.

अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए खुद को बेहतर स्थिति में रखने के लिए अपनी सेना का आधुनिकीकरण करने में लगा है और साथ ही वह एशिया में अपनी राजनयिक और आर्थिक पहुंच को भी मजबूत बना रहा है. इसके बाद पाकिस्तान को लेकर भी स्टीवर्ट ने अपनी बात रखी.

आगे पाकिस्तान के परमाणु जखीरे के लगातार बढ़ने को रेखांकित करते हुए स्टीवर्ट ने कहा कि अमेरिका को इस जखीरे में इजाफा होने से चिंता है जो कि एक बड़ा खतरा है.

हालांकि उन्होंने साथ ही कहा, इस्लामाबाद अपनी परमाणु सुरक्षा में सुधार के लिए कदम उठा रहा है और वह अपने इस कार्यक्रम के प्रति आतंकवादियों की ओर से उत्पन्न खतरे से भी वाकिफ है.

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भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ समय से दोस्ती का रिश्ता कायम है. अमेरिका जानता है कि भारत उसका समर्थन करेगा क्योंकि भारत की तरह वो भी एक लोकतंत्र है और चीन से दोनों ही देशों को खतरा है.

ऐसे में देखना ये होगा कि भारत अब क्या करता है क्योंकि अमेरिका का बयान स्पष्ट करता है कि वो भारत के साथ है.

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