MP चुनाव: देर रात बदले ये बड़े नियम, इसलिए देरी से आ सकते हैं नतीजे

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है. 11 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी जिसमें कई नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है. कहा जा रहा है कि चुनाव की मतगणना में इस बार पहले की तुलना में ज्यादा वक्त लग सकता है. 

इसकी वजह है चुनाव आयोग का वह आदेश जिसमें साफ कहा गया है कि हर राउंड के बाद रिटर्निंग ऑफिसर जब तक उस राउंड का सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे तब तक अगला राउंड शुरू नहीं हो सकेगा.

वहीं, इस बार मतगणना के समय न वेबकास्टिंग होगी और न ही मतगणना हॉल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग होगा. सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी. चुनाव आयोग ने कांग्रेस की आपत्ति के बाद रविवार देर रात यह निर्णय लिया है. 

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दरअसल, कांग्रेस ने वेबकास्टिंग में जियो की जगह बीएसएनएल नेटवर्क का इस्तेमाल करने की मांग की थी. साथ ही इस बात पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी कि वेबकास्टिंग के काम का ठेका गुजरात की कंपनी संघवी इन्फोटेक को क्यों दिया गया.

कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल निर्वाचन सदन पहुंचा और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) मध्यप्रदेश को आपत्ति दर्ज कराई. फिर देर रात वेबकास्टिंग न कराने का निर्णय लिया. 

मालूम हो कि मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी. एल. कांताराव के मुताबिक, पूरे मध्यप्रदेश में मतगणना के लिए लगभग 15 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इस बार एमपी का परिणाम देरी से आने की संभावना जताई जा रही है.

कांताराव के मुताबिक, मध्यप्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों में 11 दिसम्बर को सुबह 8 बजे एक साथ मतों की गिनती शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों और सर्विस वोटों को गिना जाएगा. माना जा रहा है कि इसमें 30 मिनट का वक्त लगेगा. 

इसके बाद यानी की सुबह 8.30 से 9 बजे के बीच EVM खोली जाएंगी. इसके बाद ईवीएम के वोटों की मतगणना शुरू होगी. सीईओ वी. एल.कांताराव के मुताबिक मतगणना वाले दिन हर विधानसभा के लिए कुल 14 टेबल लगाई जाएंगी. माना जा रहा है कि औसत 19 राउंड तक मतों की गिनती जाएगी.

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