दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी उप निदेशक शंखधर के निलंबन पर टालमटोल कर रहे अफसर

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक जनजाति कल्याण अनुराग शंखधर के निलंबन पर अफसरों ने फिर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल दी। निदेशालय का कहना है कि जेल जाने की लिखित सूचना मिलने के बाद शासन को अवगत कराया जाएगा। वहीं, शासन ने निदेशालय का पत्र मिलने के बाद निलंबन की कार्रवाई की बात कही। 

देहरादून और हरिद्वार जिले में छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर का नाम सामने आया था। इस मामले में हरिद्वार में दर्ज मुकदमे में शंखधर के खिलाफ भ्रष्टाचार और गबन का मुकदमा एसआइटी ने दर्ज किया था।

शुक्रवार को एसआइटी ने लंबी पूछताछ के बाद शंखधर को गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेज दिया। पहले भ्रष्टाचार का मुकदमा और बाद में गिरफ्तारी होने से शंखधर का निलंबन तय था। मगर, निदेशालय से लेकर शासन के अफसरों की हीलाहवाली के चलते कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। 

पहले गिरफ्तारी, फिर जेल जाने के 24 घंटे और अब एसआइटी और निदेशालय से जेल जाने की लिखित सूचना का इंतजार किया जा रहा है। शनिवार और रविवार के अवकाश के बाद इस मामले को अफसरों ने सोमवार तक टाल दिया है। 

सुद्धोवाला जेल में भूखे-प्यासे सोए शंखधर 

छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक अनुराग शंखधर को पहली रात सुद्धोवाला जेल में मेडिकल वार्ड में रखा गया। यहां डॉक्टरों ने शंखधर का चेकअप भी किया। जेल सूत्रों का कहना है कि रात को शंखधर के लिए खाना आया था। मगर, भूख न होने की बात कहते हुए खाना वापस भिजवा दिया। हालांकि, शनिवार दिन में शंखधर ने मन मारकर खाना खाया। 

जेल में बंद अन्य कैदियों के साथ शंखधर ने पहले दिन हां और न में जवाब दिया। एसआइटी से लिखित सूचना मिलनी बाकी है। दो दिन के अवकाश के चलते इस पर निर्णय नहीं हो सका। निलंबन शासन स्तर से होना है। 

जेल जाने की शासन को नहीं मिली सूचना 

समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव रामविलास यादव के अनुसार, बीआर टम्टा, निदेशक, जनजाति कल्याण निदेशालय ने शंखधर के जेल जाने की कोई सूचना शासन को नहीं दी है। निदेशालय से सूचना मिलने के बाद ही निलंबन का निर्णय लिया जाएगा। सोमवार को इस मामले में कार्रवाई हो सकती है। 

Back to top button