तो इसलिए सबसे छोटा है कलियुग, वजह जानकर हो जाएगे हैरान..

शास्त्रों में सृष्टि के आरंभ से प्रलय काल तक की अवधि को चार युगों में बांटा गया है। वर्तमान में हम जिस युग में जी रहे हैं उसे कलयुग कहा गया है। इससे पहले तीन युग बीत चुके हैं सतयुग, त्रेता और द्वापर।

भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था और द्वापर में भगवान श्री कृष्ण का। कलियुग के अंत में भगवान कलकि अवतार लेंगे और संसार में फैले पाप और अन्याय के साम्राज्य का अंत करके पुनः धर्म की स्थापना करेंगे।

भगवान ने चारों युगों में सबसे कम उम्र कलियुग को प्रदान किया है। शास्त्रों में सतयुग की अवधि 17 लाख 28 हजार वर्ष बतायी गयी है और त्रेता की अवधि 12 लाख 28 हजार। द्वापर युग की अवधि 8 लाख 64 हजार है जो त्रेता से लगभग 4 लाख वर्ष कम है। कलियुग की अवधि द्वापर से ठीक आधी, यानी 4 लाख 32 हजार है।

सतयुग से कलयुग तक सभी युगों की अवधि छोटी होती गयी है। इसका कारण यह है कि, भगवान बताना चाहते हैं, जो जितना पापी होगा उसकी उम्र उतनी कम होगी। भविष्य पुराण सहित कई शास्त्रों एवं पुराणों में बताया गया है कि कलियुग में पाप की पराकाष्ठा होगी। मनुष्य का व्यवहार सृष्टि के नियम के विरूद्ध होता जाएगा। हिंसा में मनुष्य पशुओं को भी पीछे छोड़ देगा।

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पशु तो सिर्फ अपनी भूख मिटाने के लिए दूसरे पशु को मारते हैं मनुष्य अकारण ही दूसरे मनुष्य को मारेगा। सच्चे संत भिखारी कहलाएंगे और अपमानित होंगे। कथावाचक और झूठे संत ऊंचे आसन पर विराजमान होंगे। तुलसीदास जी ने भी कलियुग के इस रूप का वर्णन किया है।

त्रेतायुग में रावण ने सीता का हरण किया लेकिन उनकी मर्जी के बिना उन्हें अपनाना पाप समझा। इस युग में छोटा भाई बड़े भाई के प्रति आज्ञाकारी था। बड़ा भाई अपने स्वार्थ के लिए छोटे भाई के साथ छल नहीं करता था। इसका उदाहरण राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न ये चार भाई हैं। त्रेता से जब द्वापर में आते हैं तब पाप बढ़ता दिखता है।

द्वापर युग में देवर अपनी भाभी को बीच सभा में नग्न करने की कोशिश करता है जिसका उदाहरण द्रौपदी चीर हरण की घटना है। राजा अपनी शक्ति के मद में अबला स्त्री को हवस का शिकार बनाना चाहता है। इसका उदाहरण जयद्रथ द्वारा द्रौपदी हरण और दुर्योधन द्वारा भीलों की कन्या का हरण करने की घटना है। भाई अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए पूरे परिवार को युद्घ की आग में झोंक देता है इसका उदाहरण महाभारत युद्ध है।

लेकिन कलियुग में आये दिन भाई-भाई, बाप-बेटे में स्वार्थ की पूर्ति के लिए लड़ाई होती है। लोगों की काम-वासना इतनी बढ़ गयी है कि आये दिन स्त्रियों का हरण होता है और उन्हें अपमानित किया जाता है। पाप आचरण से भरा हुआ कलियुग अगर अधिक दिनों का होगा तो सृष्टि में हाहाकार मच जाएगा। यही कारण है कि भगवान ने कलियुग को सबसे कम उम्र दिया।

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