तीन में से दो लोग पी रहे डिटर्जेंट पेंट मिला दूध, भयानक रोगों के साथ हो सकती है मौत!

phpThumb_generated_thumbnail (11)नई दिल्ली।

68 फीसदी दूध खाद्य उत्पाद नियंत्रक संस्था के मापदंडों पर खरा नहीं, लोग पी रहे जहरीला दूध…

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक देश में तीन में से दो लोग डिटर्जेंट, कॉस्टिक सोडा, यूरिया और पेंट वाला दूध पीते हैं। देश में बिकने वाला 68 फीसदी दूध खाद्य उत्पाद नियंत्रक संस्था एफएसएसएआई के मापदंडों पर खरा नहीं उतरता है। एफएसएसएआई के ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक, दूध में पानी की मिलावट सबसे ज्यादा होती है, जिससे इसकी पौष्टिकता कम हो जाती है।

अगर पानी में कीटनाशक और भारी धातुएं मौजूद हों तो ये सेहत के लिए खतरा है। इसके साथ ही 46 फीसदी सैंपल लो सॉलिड नॉट फैट की श्रेणी के पाए गए हैं। इसकी मुख्य वजह पानी की मिलावट है। स्किमड मिल्क पाउडर के 548 नमूनों में से 477 नमूनों में ग्लूकोज पाया गया। दूध के रख-रखाव और पैकेजिंग के समय साफ-सफाई का ध्यान न रखे जाने की वजह से आस-पास प्रयोग हुआ डिटर्जेंट दूध में चला जाता है। मौत तक हो सकती है।

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कैंसर से लेकर प्रजनन क्षमता तक प्रभावित

ऐसा दूध जो आंख से लेकर आंत तक दिल से लेकर प्रजनन क्षमता तक सब पर असर डालेगा। बच्चों की लंबाई बढऩा बंद हो जाती है। वजन कम रह जाता है। आईएमए अध्यक्ष डॉ. एसएस अग्रवाल के मुताबिक, मिलावटी दूध का शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। यूरिया, कॉस्टिक सोडा और इसमें मौजूद फोरमेलिन से गैस्ट्रोएंट्रटिटिस से लेकर इम्पेयरमेंट, दिल के रोग, कैंसर और मौत तक हो सकती है। डिटर्जेंट से पाचन तंत्र की गड़बडिय़ां और फूड पॉयजनिंग हो सकती है।

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ऐसे तैयार किया जाता है नकली दूध

दूध में पहले जमकर लिक्विड वॉशिंग फैब्रिक डाला जाता है। इसके बाद नकली दूध के कनस्तर में नकली रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता है। ये नकली दूध को जरूरी चिकनाहट देता है। इसके बाद आधे घंटे तक दूध को फेटा जाता है, उसे घोंटा जाता है ताकि तेल और डिटर्जेंट दूध में अच्छी तरह मिल जाए। इसके बाद नल का पानी लेकर उस सिंथेटिक दूध में मिला दिया जाता है।

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इस तरह करें जांच-दूध में यूरिया मिला है या डिटर्जेंट

ढलान वाली सतह पर दूध की एक बूंद डालें। शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे सफेद लकीर छोड़ते हुए जाएगी, जबकि पानी की मिलावट वाली बूंद बिना कोई निशान छोड़े बह जाएगी। स्टार्च की जांच के लिए लोडीन का टिंक्चर और लोडीन सॉल्यूशन में कुछ बूंदे डालें, अगर वह नीली हो जाएं तो समझे कि वह स्टार्च है। यूरिया के लिए एक चम्मच दूध को टेस्ट ट्यूब में डालें। उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर डालें। अच्छी तरह से मिला लें। पांच मिनट बाद, एक लाल लिटमस पेपर डालें, आधे मिनट बाद अगर रंग लाल से नीला हो जाए तो दूध में यूरिया है। अगर डिटर्जेंट दूध में मिला है, तो इसके लिए 5 से 10 एमएल दूध को उतने ही पानी में मिला के हिलाएं। अगर झाग बनता है, तो उसमें डिटर्जेंट है। सिन्थेटिक दूध का स्वाद कड़वा होता है, उंगलियों के बीच रगडऩे से साबुन जैसा लगता है और गर्म करने पर पीला हो जाता है।

दूध में मिलावट हो संगीन अपराध

दूध में मिलावट के संगीन मामलों में खुद देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में दखल देकर केंद्र और सभी राज्यों से सख्त कानून बनाने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- दूध में मिलावट को संगीन अपराध की श्रेणी में डालना चाहिए। दूध में मिलावट करने वालों को उम्र कैद देने का प्रावधान होना चाहिए और सरकार को इस दिशा में काम करना चाहिए।

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