तार पर गिरे पेड़, 100 फीट नीचे गिरा रोप-वे; मासूम बच्चियों समेत 7 मरे

नई दिल्ली. स्कीइंग के लिए मशहूर गुलमर्ग में रविवार को 100 फीट ऊंचाई से दो केबल कार गिर गईं। हादसे में 7 लोग मारे गए। इनमें दिल्ली का दंपति, उनकी दो बेटियां भी शामिल हैं। दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची केबल कार में 19 साल में यह पहला हादसा है। जयंत पूसा इंस्टीट्यूट में लेक्चरर थे। वे पत्नी मनीषा और छह साल की जान्हवी और चार वर्षीय बेटी अनघा के साथ शालीमार बाग के एडमिन स्टाफ क्वार्टर में रहते थे। जयंत मूल रूप से नागपुर के रहने वाले थे।
तार पर गिरे पेड़, 100 फीट नीचे गिरा रोप-वे; मासूम बच्चियों समेत 7 मरे
19 साल में पहला हादसा…
– गुल चाचा गाइड एसो. के पूर्व अध्यक्ष ने भास्कर को बताया, स्की रिजॉर्ट आम दिनों की तरह ही सैलानियों से गुलजार था। देश-विदेश से आए सैलानी सुबह से ही दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची केबल कार सर्विस यानी गुलमर्ग गोंडोला का आनंद ले रहे थे।
– वे बताते हैं कि दोपहर बाद करीब 3 बजे तेज बारिश शुरू हो गई। कुछ देर में बारिश तो रुक गई, लेकिन हवा की रफ्तार एकाएक काफी तेज हो गई। हवा तेज होने पर ऐहतियातन गोंडोला बंद कर देते हैं, लेकिन कुछ लोग बीच में थे। उनके दूसरे छोर पर पहुंचने तक गोंडोला चलाना जरूरी था।

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– इसी बीच, दो बड़े पेड़ टूटकर फेज-1 के रोप-वे पर जा गिरे। झटके से तार एक टावर से नीचे झूल गया, लेकिन टूटा नहीं। केबल कारों के बोझ की वजह से पहले तार 30-40 फीट नीचे गया और फिर झटके से ऊपर उछला। दो बार ऐसे झटके लगते ही दो केबल कारों की पुलि तार से निकल गई। करीब 100 फुट की ऊंचाई से दोनों केबल कार पत्थरों पर जाकर गिरीं।

– एक में दिल्ली के परिवार के चार लोग थे, जबकि दूसरी में पांच गाइड थे। सात लोग मारे गए। गोंडोला तुुरंत रोकना पड़ा। करीब 150 लोग फंस गए। हालांकि, इन्हें निकाल लिया गया।
– गुलमर्ग गोंडोला के 19 साल में यह पहला हादसा है।
 
13,780 फीट ऊपर ले जाती है 5 किमी लंबी गोंडोला
– गोंडोला सैलानियों को स्की रिजॉर्ट में समुद्र तल से 13,780 फीट की ऊंचाई तक पहुंचाता है।
– यह दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा केबल कार प्रोजेक्ट है।
– पहले नंबर पर वेनेजुएला की मेरिडा केबल कार है, जो 15,633 फीट ऊंचाई तक जाती है।
– गुलमर्ग गोंडोला का पहला फेज 1998 में शुरू हुआ था।
 
हवा तेज थी तो सर्विस रोकी क्यों नहीं?
जब हवा तेज चल रही थी तो ऐहतियात के तौर पर केबल कार सर्विस बंद क्यों नहीं की गई। यह तो स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर में भी लिखा है।

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