ठीक एक साल पहले वो दशहरा, जिसमें रावण के पहले खत्म हो गए थे 60 लोग

दशहरा का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. जगह-जगह पर रावण जलाए जा रहे हैं. लेकिन ठीक एक साल पहले दशहरा के ही दिन पंजाब के अमृतसर में एक भयानक ट्रेन दुर्घटना हुई थी जिसमें 60 लोगों की जान चली गई थी और करीब 100 लोग घायल हुए थे. उस मंजर को याद कर लोगों की रूह कांप जाती हैं.

दरअसल, अमृतसर के जौड़ा फाटक के समीप दशहरा का आयोजन हो रहा था और रावण जलाया जा रहा था. इसी दौरान रेलवे ट्रैक पर लोग खड़े हुए थे. लेकिन तभी अचानक ट्रेन आ गई और देखते ही देखते वहां लाशों का ढेर लग गया.

पठानकोट से आ रही डीएमयू ट्रेन उस ट्रैक पर खड़े सभी लोगों को रौंदते हुए चली गई और ट्रैक के इर्द-गिर्द लाशें ही दिखाई दे रही थीं. सामने ही रावण जल रहा था और लोग चीख रहे थे.

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यह दर्दनाक हादसा 19 अक्‍टूबर 2018 को हुआ था. हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. किसी को समझ नहीं आ रहा था कि पल भर में क्या से क्या हो गया. ट्रैक के आसपास खून से लथपथ लाशें बिखरी पड़ी हुई थी.

उस समय घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद लोगों ने बताया कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी कि कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि ऐसे कैसे हो गया. लोग पटाखों की आवाज और रावण दहन की रोशनी के बीच ट्रैक पर पड़ी लाशों में अपनों को ढूंढ रहे थे.

रावण दहन को देखने के लिए सैकड़ों की भीड़ जमा थी. कोई तालियां बजा रहा था तो कोई मोबाइल में वीडियो बना रहा था, लेकिन तभी उनकी आंखों के सामने यह सब घटित हो गया.

इस हादसे के बाद पूरे देश के लोगों ने दुख व्यक्त किया था. घटना की जांच भी हुई. रेलवे से लेकर सरकार तक सक्रिय हुई और पीड़ित परिवारों को सांत्वनाएं भी दी गईं लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी यह हादसा लोगों के जेहन में बना हुआ है.

अब जब देश फिर से दशहरा के पर्व में डूबा हुआ है तो पीड़ित परिवारों के लिए यह किसी डरावने सपने जैसा है कि उस दिन कैसे सब कुछ तहस-नहस हो गया था. 

 

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