ट्रंप के सामने भारत को हथियार बेचने का मुद्दा उठाएगा चीन

नई दिल्ली: अमेरिकी प्रशासन में बदलाव के बाद अमेरिकी प्रशासन और चीन के बीच तल्खी बढ़ गई है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वो एक चीन की नीति का समर्थन नहीं करता है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वो एक चीन की नीति का समर्थन नहीं करता है। चीन को दक्षिण चीन सागर समेत अपने आसपड़ोस में विस्तारवादी नीति से बचना चाहिए।

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अमेरिकी प्रशासन के इस रूख के बाद चीन की अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार की गई लिस्ट में भारत अहम मुद्दा होगा। दरअसल, चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन के लिए 6 अहम मुद्दों की सूची तैयार की है। इस सूची में अमेरिका की भारत को हथियारों की बिक्री, चीन-भारत सीमा मुद्दा और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा भी शामिल हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार माइकल पिल्सबरी ने कहा कि ट्रंप के शासन के दौरान अमेरिका-चीन के रिश्ते पर भारत की भी नजरें रहेंगी। चीनी मामलों के विशेषज्ञ पिल्सबरी ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 6 अहम मुद्दों की सूची हमें वरिष्ठ चीनी अधिकारियों द्वारा बताई गई है।

उन्होंने कहा, ‘चीन ने कभी भी खुले तौर पर अमेरिका से भारत द्वारा हथियारों की खरीद का विरोध नहीं किया है। लेकिन अब चीन इस मुद्दे को उठाने की बात कर रहा है और यह अहम बात है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया का मुद्दा भी चीनी सूची में शामिल है।’

पिल्सबरी ने बताया कि चीनी सूची में ‘वन चाइना पॉलिसी’ और ताइवान भी शामिल है। तिब्बत के निर्वासित धर्मगुरु दलाई लामा से अमेरिकी प्रशासन को नहीं मिलने की नसीहत दी गई है। चीन ने दक्षिण कोरिया में अमेरिका द्वारा THAAD (टर्मिनल हाई ऐल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) मिसाइल और रडार सिस्टम तैनात करने की सहमति पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दरअसल, चीन यह कभी नहीं चाहेगा कि अमेरिका उसकी इंटरकांटिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल (ICBM) क्षमता को खत्म करने के लिए कदम उठाए। चीन के ये मिसाइल अमेरिका तक मार करने की क्षमता रखते हैं।

पिल्सबरी ने हाल ही में रायसीना डायलॉग में कहा था, ‘अरुणाचल प्रदेश पर भारत के दावे और भारत को हथियार बेचने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का रुख आने वाले वर्षों में चीन के लिए चिंता का विषय होने जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘चीन को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस मामले में पेइचिंग की मदद करेंगे।’ ट्रंप की एशिया में नीतियों के सवाल पर पिल्सबरी ने कहा, ‘यह अप्रत्याशित होगा। ट्रंप की बातचीत की रणनीति का यह हिस्सा होगा।

 

 

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