टुटा रिकॉर्ड… एक दिन में बिका 15 टन सोना…

सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद 8 और 9 नवंबर की रात को ज्वैलर्स ने करीब 5 हजार करोड़ के 15 टन सोने का व्यापार किया। इस बात की जानकारी इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स असोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने दी है। आईबीजेए में देशभर के 2500 ज्वैलर्स रजिस्टर्ड हैं।

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मेहता ने बताया, ‘हमारे अनुमान के हिसाब से पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद 8 नवंबर को 8 बजे से अगले दिन सुबह 2-3 बजे तक कुल 5,000 करोड़ रुपये का 15 टन सोना बेचा गया था।’ उन्होंने कहा कि इसमें लगभग आधी बिक्री दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब में हुई थी। उन्होंने कहा कि देशभर के 6 लाख ज्वैलर्स में सिर्फ 1,000 ने 8 नवंबर की रात पुरानी करेंसी में सोना बेचा था। मेहता ने कहा कि आईबीजेए ने सरकार से गैरकानूनी काम करने वाले ज्वैलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है क्योंकि सरकार को लगता है कि इससे पूरी इंडस्ट्री का नाम बदनाम हुआ है।

15 टन सोने का आंकड़ा बहुत बड़ा है क्योंकि यह एक सामान्य वर्ष में सोने की मासिक बिक्री के 5वें हिस्से से भी ज्यादा है। देश में हर साल 800 टन सोने की खपत होती है, लेकिन इस साल यह आंकड़ा इंडस्ट्री के खिलाफ सरकार की सख्ती ओर नोटबंदी के चलते बहुत कम यानी 500 टन पर सिमट सकता है।

 ज्वैलर्स ने 8 नवंबर की आधी रात के बाद भी अपनी दुकानें और शोरूम खोले हुए थे, जिसकी वजह से वे टैक्स अधिकारियों की नजर में आ गए। भोपाल की सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस यूनिट ने इसके तुरंत बाद ही 650 ज्वैलर्स को टैक्स नोटिस भेज दी थी। नोटिस में ज्वैलर्स से पूछा गया कि उनके पास 7 से 11 नवंबर के बीच कितना सोना था और उसकी कीमत क्या थी? देशभर में खास ज्वैलर्स के खिलाफ टैक्स विभाग का छापा पड़ा था और उनके यहां हुई वैध बिक्री का पता लगाने के लिए एक्साइज अथॉरिटीज ने उनके सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले।

कोटक महिंद्रा बैंक के बिजनेस हेड (ग्लोबल ट्रांजेक्शन-बैंकिंग एंड प्रेसियस मेटल्स) शेखर भंडारी ने कहा, ‘एक दिन में इतनी बड़ी सेल तो अप्रैल-मई में अक्षय तृतीया और अक्टूबर-नवंबर में दिवाली जैसे शुभ अवसरों पर होती है।’ भंडारी ने कहा कि बहुत से खरीदारों ने 8 और 9 नवंबर की रात को सोने की खरीदारी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया था।

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