जो महिलाएं लेती हैं अपने पति का नाम, वो एक बार जरुर पढ़ ले ये खबर वरना…

हिंदू धर्म के रीति-रिवाज लंबे समय से प्रचलन में तो हैं लेकिन कम लोग उनके पीछे का कारण जानते हैं। आजकल के मॉर्डन जमाने में लोग रीति-रिवाज उस तरह से नहीं मानते जैसे वो पहले माने जाते थे।

हालांकि हर रिवाज के पीछे का कारण अहम है और हिंदू धर्म के हिसाब से इनका असर व्यक्ति के आम जीवन पर पड़ता है। ऐसा ही एक रिवाज है पति का नाम न लेने का। ज्यादातर घरों में पत्नियां पति का नाम नहीं लेती। हालांकि अब लव मैरिज के बढ़ते प्रचलन के कारण मॉर्डन लड़कियां अपने पति का नाम भी लेने लगी हैं। लेकिन पति का नाम न लेने के प्रचलन का भी एक ठोस कारण बताया गया है।

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हिंदू शास्त्रों के मुताबिक महर्षि वेदव्यास जी को भगवान का अवतार माना जाता है। उनके कहे वचनों को गणेश जी ने स्कंद पुराण में लिखा। स्कंद पुराण में लिखा गया है कि पतिव्रता स्त्री के घर में रहने से घर के लोगों का जीवन खुशियों से भरता है। साथ ही स्कंद पुराण में लिखा है कि पत्नी यदि पति को नाम से बुलाए तो पति की उम्र घटने लगती है। यही कारण है कि पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए उनका नाम नहीं लेती।

हिंदू धर्म में पति को परमेशवर यानि की भगवान का दर्जा दिया जाता है। इसका कारण है कि किसी की प्रार्थना करने से वो देवतुल्य हो जाता है। महिलाएं खुद एक शक्ति हैं। यदि वे किसी को पूजती हैं तो माना जाता है कि वो भी देवता समान हो जाता है। 

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